गंगा जल सिंचाई: वर्षों से प्यासी भूमि पर अब अमृत वर्षा होगी, गंगा की धारा बांका के खेतों में पहुंचकर नई जान फूंकेगी। जो कल्पना कभी बेमानी लगती थी, वह अब हकीकत बन रही है।
बांका के बेलहर से एक शुभ समाचार आ रहा है। अब गंगा का पवित्र जल बांका की धरती को सींचेगा और किसानों के लिए समृद्धि का नया द्वार खोलेगा। यह योजना केवल बांका तक सीमित नहीं है, बल्कि मुंगेर और भागलपुर जैसे जिलों के खेतों को भी इसकी शक्ति मिलेगी। एक समय था जब बिहार सरकार द्वारा विधानसभा चुनाव से ठीक पहले की गई यह घोषणा कई लोगों को महज एक चुनावी जुमला प्रतीत हुई थी। लेकिन चुनाव संपन्न होते ही बदुआ डैम के पास इस वृहद परियोजना ने रफ्तार पकड़ ली है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। बीते 15 दिनों से बिजीखरबा सिंचाई कार्यालय के समीप कार्य जोरों पर है।
गंगा जल सिंचाई परियोजना: एक महत्वाकांक्षी कदम
यह 1800 करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य गंगा के पवित्र जल को बेलहर स्थित बदुआ हनुमाना डैम तक पहुंचाना है। इस कार्य के लिए अजगैवीनाथ धाम से बदुआ हनुमाना डैम तक 56 किलोमीटर लंबी, चार से पांच फीट व्यास की मजबूत स्टील पाइपलाइन बिछाई जा रही है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। गंगाजल के भंडारण हेतु बिज्जीखरबा सिंचाई प्रमंडल परिसर में 10 फीट गहरे और 34 हजार वर्ग मीटर क्षेत्रफल के एक विशाल तालाब का निर्माण कार्य भी शुरू हो चुका है। इस तालाब की आरसीसी ढलाई की जाएगी। लिफ्ट सिस्टम के माध्यम से filtered गंगाजल को बदुआ डैम तक पहुँचाया जाएगा। वहीं, तारापुर में भी जल भंडारण की व्यवस्था की जाएगी, जहाँ से 25 किलोमीटर पाइपलाइन बिछाकर हवेली खड़गपुर के डैम तक जल पहुँचेगा। इसके अतिरिक्त, बेलहर के बेलहरना और फुल्लीडुमर प्रखंडों के कोझी डैम तक भी गंगाजल पहुँचाने की योजना है। इन प्रयासों से हजारों एकड़ भूमि को सिंचाई के संकट से स्थाई मुक्ति मिलेगी, जिससे किसानों का फसल उत्पादन बढ़ेगा।
इस परियोजना से किसानों में आशा की नई किरण जगी है। आपको बता दें कि पूर्व में विकास यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तिलकपुर आकर बदुआ डैम का निरीक्षण किया था और डक्ट स्कीम के तहत सिंचाई संकट दूर करने की घोषणा की थी। हालांकि, वह स्कीम जमीन पर मूर्त रूप नहीं ले पाई थी। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। अब गंगाजल को सीधे डैम तक पहुँचाकर किसानों की आर्थिक आय को दोगुना करने की दिशा में एक ठोस कदम उठाया जा रहा है। इससे निकट भविष्य में अन्नदाताओं को सिंचाई संबंधी समस्याओं से जूझना नहीं पड़ेगा। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: https://deshajtimes.com/news/national/
सिंचाई क्षमता और परियोजना का लक्ष्य
वर्तमान में बदुआ हनुमाना डैम से कुल 48 हजार हेक्टेयर भूमि सिंचित होती है। लेकिन, जब डैम में जलस्तर 422 फीट से नीचे चला जाता है, तो यह लगभग मृत अवस्था में पहुँच जाता है। बेलहर और शंभूगंज प्रखंडों के 22,195 हेक्टेयर तथा मुंगेर जिले के संग्रामपुर और तारापुर प्रखंडों के लगभग 23 हजार हेक्टेयर क्षेत्र की सिंचाई सीधे इस डैम पर निर्भर करती है। 370 फीट से कम पानी होने पर सिंचाई असंभव हो जाती है और डैम निष्क्रिय हो जाता है। यह भी गौर करने लायक है कि बदुआ डैम का पश्चिमी नहर पूर्वी नहर की तुलना में 20 फीट ऊँचा है, जिससे जल वितरण में चुनौतियाँ आती हैं।
परियोजना को 2026 के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। निर्माण कार्य तीव्र गति से जारी है, जिसमें तालाब की खुदाई और पाइपलाइन बिछाने का काम शामिल है। अधिकारियों का दावा है कि यह महत्वाकांक्षी योजना निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरी कर ली जाएगी, जिससे क्षेत्र की कृषि समृद्धि को एक नई दिशा मिलेगी, और किसानों का फसल उत्पादन और बेहतर होगा।



