बिहार के भागलपुर जिले में हुई ब्लास्ट की घटना को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आज फोन पर बातचीत की है। प्रधानमंत्री ने पूरे घटना की जानकारी ली और पीड़ितों को हरसंभव मदद का भरोसा दिया। इसकी जानकारी प्रधानमंत्री ने आज एक ट्वीट कर दी है। इधर, भागलपुर के विधायक अजीत शर्मा भड़क उठे हैं। पढ़िए पूरी खबर
जय बाबा केदार..!
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पीएम मोदी ने आज सुबह 11:25 बजे ट्वीट करते हुए लिखा है
कि बिहार के भागलपुर में धमाके से हुई जनहानि की खबर पीड़ा देने वाली है। मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। घटना से जु़ड़े हालातों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी बात हुई। प्रशासन राहत और बचाव कार्यों में लगा हुआ है और पीड़ितों को हर संभव सहायता दी जा रही है।

इधर भागलपुर शहर में गुरुवार रात दो मंजिला इमारत में धमाका और चौदह लोगों की मौत का असर राजधानी पटना में भी दिखने लगा है। भागलपुर से कांग्रेस के विधायक अजीत शर्मा ने घटना के प्रति दुख जताते हुए सरकार पर नाराजगी जाहिर की है।
उन्होंने कहा कि आज बिहार का सिल्क सिटी भागलपुर पूरी तरह बारूद के ढेर पर बैठा है। यह सिर्फ एक घटना नहीं है। यह पूरी तरह से प्रशासन और पुलिस की नाकामी है। एक घर में जहां इससे पहले भी दो बार विस्फोट हो चुका है लेकिन पुलिस ने उसे कभी रोकने की कोशिश नहीं की। नतीजा यह हुआ कि आज यहां इस तरह की घटना सामने आई है। यह पूरी तरह से प्रशासन की नाकामी को दिखाता है।
विधायक अजीत शर्मा ने कहा
कि वहां लंबे समय से बम बनाने का काम चल रहा था। इस बात की जानकारी पुलिस को भी थी लेकिन कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने इस पूरी घटना की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है।
जानकारी के अनुसार, भागलपुर में गुरुवार की देर रात एक दो मंजिले भवन में ब्लास्ट होने से चौदह लोगों की मौत हो गई। पुलिस टीम मौके पर कैंप कर रही है। मलबे के नीचे दबे लोगों को निकाला जा रहा है।
वहीं, भागलपुर जिले के ततारपुर थाना क्षेत्र स्थित काजवलीचक मोहल्ले में बीते देर रात पटाखा बनाने वाले आतिशबाज के घर में हुए बम विस्फोट की घटना में चौदह लोगों की मौत और 11 लोगों के घायल होने की खबर है। हालांकि भागलपुर के वरीय पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) बाबूराम ने पां लोगों के शव मिलने और 11 लोगों के मायागंज अस्पताल में इलाजरत होने की बात कही है।
एसएसपी बाबू राम ने शुक्रवार को बताया
कि प्रारंभिक जांच में बम बनाते समय धमाका होने की बात सामने आई है। जिस घर में धमाका हुआ। उस मकान में शीला देवी और लीला देवी रहती थी। दोनों गोतनी हैं। धमाके की तीव्रता इतनी ज्यादा थी कि आसपास के दो और मकान क्षतिग्रस्त हो गए। इसके अलावा कुछ और घरों को भी नुकसान पहुंचा है।
एसएसपी ने बताया कि मकान के टुकड़े आधा किलोमीटर दूर तक जा गिरे। धमाका शांत होने के बाद लोगों की भीड़ जुटी और लोगों की खोजबीन शुरू हुई। पांच लोगों के शव को मले से बरामद किया गया है। जबकि 11 घायलों को इलाज के लिए मायागंज अस्पताल में भर्ति कराया गया है। रात को एक बजे करीब जेसीबी मंगाई गई और मलबा हटाने का काम शुरू किया गया।
एसएसपी ने बताया कि बम डिस्पोजल टीम तथा एफएसएल टीम के निरीक्षण के बाद स्थिति कुछ ओर स्पष्ट हो सकेगी। शुक्रवार सुबह से मलबा हटाने का काम जारी है। मलबा में शव के दबे होने की आशंका भी जताई जा रही है।सारा मलबा साफ होने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। यहां पटाखे बनाने के लिए विस्फोटक रखा गया था। विस्फोट इतना भयावह था की आसपास का इलाका थर्रा उठा। लोगों को भूकंप के झटके जैसा महसूस हुआ। विस्फोट की वजह से तातारपुर चौक और घंटाघर के आसपास तक लोग घर से बाहर निकल आए। घटना के काफी देर बाद तक बारूद की गंध पूरे शहरी इलाके में फैलती रही।
घटनास्थल पर डीआईजी, एसएसपी, डीएम समेत कई वरीय अधिकारी पहुंचे हुए है। धमाके की वजह से बिजली के पोल-तार भी बिखर गए। इस घटना में गणेश सिंह (60 वर्ष), उर्मिला देवी , राजकुमार साह और पिंकी की पुत्री (प्रियांशु 10 साल) समेत पांच लोगों के मौत की पुष्टि हुई है।
जानकारी के अनुसार, काजवलीचक में 14 साल बाद यह विस्फोट की घटना हुई है। काजवलीचक मोहल्ले के जिस जगह गुरुवार की रात विस्फोट हुआ। उसी जगह 2008 में भी विस्फोट हुआ था। जिसमें तीन लोगों की मौत हुई थी। कई लोग घायल भी हुए थे।