स्वास्थ्य भ्रष्टाचार: सन्हौली भागलपुर देशज टाइम्स। चिकित्सा सेवाओं पर भरोसे का हर धागा जब तार-तार होता है, तो सबसे कमजोर वर्ग की उम्मीदें बिखर जाती हैं। सन्हौला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक बार फिर यही विचलित कर देने वाला दृश्य सामने आया है, जहां नवजीवन की आस में आए एक परिवार से कथित तौर पर अवैध उगाही की गई।
स्वास्थ्य भ्रष्टाचार: सन्हौला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डिलीवरी के नाम पर ₹3000 की रिश्वत, फिर सवालों के घेरे में स्वास्थ्य व्यवस्था
सन्हौला सीएचसी में स्वास्थ्य भ्रष्टाचार: डिलीवरी के नाम पर ₹3000 की मांग
भागलपुर। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) सन्हौला एक बार फिर विवादों में घिर गया है। इस बार एक गर्भवती महिला की डिलीवरी के नाम पर आशा कार्यकर्ता द्वारा ₹3000 की कथित रिश्वत मांगने का गंभीर आरोप लगा है। पीड़ित मरीज के पति ने बताया कि पैसे न देने पर उनकी पत्नी को मायागंज रेफर करने की धमकी दी गई। इस घटना ने स्वास्थ्य केंद्र की कार्यप्रणाली और मरीजों के साथ होने वाले व्यवहार पर नए सिरे से सवाल खड़े कर दिए हैं।
पीड़ित परिवार के सदस्य ने बताया कि वे अपनी पत्नी की डिलीवरी कराने के लिए सन्हौला सीएचसी आए थे। इस दौरान न सिर्फ उनसे, बल्कि अन्य कई मरीजों से भी ₹30 से ₹30 की राशि वसूली गई। परिजनों के अनुसार, उस दिन लगभग 40 प्रतिशत प्रसव ऑपरेशन के जरिए किए गए थे और सभी से यह अवैध राशि ली गई। यह घटना स्पष्ट रूप से मरीजों का शोषण दर्शाती है, विशेषकर उन गरीब और जरूरतमंदों का जो सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं पर निर्भर हैं। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। यह घटना स्वास्थ्य सेवाओं में व्याप्त अनियमितताओं का एक और उदाहरण पेश करती है।
जब ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर राहुल कुमार से इस मामले पर सवाल किया गया कि क्या आशा कार्यकर्ता ने उनके नाम पर ₹3000 लिए हैं, तो उन्होंने अनभिज्ञता जाहिर की। डॉक्टर ने कहा कि वे सुबह होने का इंतजार कर रहे हैं और यदि ऐसी कोई बात सामने आती है तो मामले की गंभीरता से जांच की जाएगी। यह जवाब एक ऐसे समय में आया है जब सन्हौला सीएचसी पर पहले भी कई बार भ्रष्टाचार और लापरवाही के आरोप लग चुके हैं। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
जांच और कार्रवाई की मांग तेज
यह गौरतलब है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सन्हौला का विवादों से पुराना नाता रहा है। पहले भी यहां एएनएम द्वारा रिश्वत की मांग और आशा कार्यकर्ताओं द्वारा अवैध वसूली के मामले सामने आते रहे हैं। इस ताजा घटना के बाद एक बार फिर स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही को लेकर गंभीर प्रश्नचिह्न लग गए हैं। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
स्थानीय लोगों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। इस अवैध उगाही की सूचना सिविल सर्जन भागलपुर और सन्हौला प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) को भी दी गई है। बीडीओ कन्हैया कुमार ने बताया कि वे फिलहाल छुट्टी पर हैं और वापस आते ही इस मामले की गंभीरता से पड़ताल करेंगे।
लोजपा (रामविलास) के जिलाध्यक्ष सुबोध पासवान ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और जिला पदाधिकारी से इस संबंध में बात करने की बात कही है। यह देखना होगा कि इस अवैध उगाही के मामले में क्या वाकई कोई ठोस कार्रवाई होती है, या फिर पिछली घटनाओं की तरह इस बार भी महज खानापूर्ति करके मामले को रफा-दफा कर दिया जाता है, आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। सन्हौला सीएचसी में बार-बार ऐसी शिकायतें आने के बाद भी प्रभावी कार्रवाई का अभाव इस स्वास्थ्य भ्रष्टाचार को और बढ़ावा दे रहा है।

