TMBU Conflict: शिक्षा के मंदिर में अब हंगामा और विरोध की गूँज सुनाई दे रही है। मूल्यांकन कार्य को लेकर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा, बल्कि आग की तरह फैलता जा रहा है।
TMBU Conflict: तिलका मांझी विश्वविद्यालय में मूल्यांकन विवाद गहराया, छात्रों का प्रदर्शन तेज होने के संकेत
भागलपुर: तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) में सत्र 2023-27 के सेमेस्टर चार के मूल्यांकन कार्य को लेकर शनिवार से शुरू हुआ विवाद अब एक गंभीर मोड़ लेता दिख रहा है। मूल्यांकन के बहिष्कार के बाद विश्वविद्यालय परिसर में टकराव तेज हो गया है, जिससे आने वाले दिनों में बड़े छात्र आंदोलन की संभावना बढ़ गई है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। विश्वविद्यालय प्रशासन और मूल्यांकन कार्य से जुड़े कर्मियों के बीच जारी गतिरोध के कारण परीक्षा परिणामों में देरी की आशंका गहरा गई है, जिससे हजारों छात्रों का भविष्य अधर में लटक सकता है।
TMBU Conflict: मूल्यांकन बहिष्कार से बढ़ा गतिरोध
यह विवाद मूल्यांकन प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं और कर्मचारियों की मांगों को लेकर उत्पन्न हुआ है। मूल्यांकन कार्य से जुड़े शिक्षकों और कर्मियों ने अपनी मांगों को पूरा न किए जाने पर मूल्यांकन का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। इस बहिष्कार के कारण सेमेस्टर चार के परिणाम समय पर जारी होने में बाधा आ रही है, जिससे छात्रों में असंतोष व्याप्त है। कई छात्र संगठनों ने इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन पर छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है।
विश्वविद्यालय के सूत्रों के अनुसार, कुछ प्रमुख छात्र संगठन इस मुद्दे को लेकर आज बड़े स्तर पर प्रदर्शन और घेराव की तैयारी में हैं। यदि प्रशासन ने जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो यह छात्र आंदोलन और उग्र रूप ले सकता है। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। यह स्थिति न केवल छात्रों के लिए, बल्कि पूरे विश्वविद्यालय के शैक्षणिक कैलेंडर के लिए भी चिंता का विषय बन गई है।
आगे की रणनीति और विश्वविद्यालय प्रशासन का रुख
विश्वविद्यालय प्रशासन अभी तक इस मामले पर कोई स्पष्ट बयान जारी नहीं कर पाया है, जिससे स्थिति और जटिल हो गई है। मूल्यांकन कार्य में देरी के चलते छात्रों को उच्च शिक्षा या आगे की प्रवेश परीक्षाओं में शामिल होने में दिक्कतें आ सकती हैं। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। सूत्रों की मानें तो विश्वविद्यालय के कुलपति और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के बीच इस मुद्दे पर लगातार बैठकें चल रही हैं, लेकिन अभी तक कोई सर्वमान्य समाधान नहीं निकल पाया है।
इस विवाद का जल्द से जल्द समाधान निकालना अत्यंत आवश्यक है ताकि छात्रों का शैक्षणिक भविष्य सुरक्षित रह सके और विश्वविद्यालय में सामान्य शैक्षणिक गतिविधियां बहाल हो सकें। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। देखना होगा कि विश्वविद्यालय प्रशासन इस गंभीर मुद्दे को कैसे सुलझाता है और क्या छात्र संगठन अपने प्रस्तावित आंदोलन को आगे बढ़ाते हैं।




