मोतिहारी के गैंगवार में बिजली विभाग के ठेकेदार और मुकेश पाठक के राइट हैंड ओम प्रकाश सिंह उर्फ बाबू साहेब की हत्या की गुत्थी सुझलती नजर आ रही है।
इस हत्याकांड के तार तिहाड़ जेल से जुड़े बताए जा रहे हैं जहां से आदेश मिलने के बाद मोतिहारी में बाबू साहेब की मर्डर तीन लेयर में आए अपराधियों ने कर दी। इस हत्या में चार पिस्टल की पूरी मैगजीन खाली कर दी गई।
इस मामले में प्रेस रिलीज जारी करके हत्या की जिम्मेदारी ली है। हत्या की जिम्मेदारी संतोष झा गैंग के गुर्गे राज झा ने ली है। पत्र में कहा कि यह हत्या संतोष झा के मर्डर का बदला है। गैंगवार का जिम्मेदारी संतोष झा गैंग का शूटर राज झा ने लिया है।
शातिर शूटर की ओर से मीडिया को संबोधित करते हुए एक प्रेस नोट वायरल हो रहा है। इसमें ओमप्रकाश सिंह को मुकेश पाठक का राइट हैंड बताया गया है। शूटर ने जारी प्रेस नोट में ओमप्रकाश सिंह को ठेकेदार नहीं, बल्कि अपराधी बताया है।
संतोष झा की शूटआउट में ओमप्रकाश सिंह की भूमिका होने की बात बताई गई है। साथ ही अगला नंबर मुकेश पाठक का बताया गया है।
वहीं, इस वायरल विज्ञप्ति के बारे में पकड़ी दयाल डीएसपी सुनील कुमार सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि वायरल विज्ञप्ति की जांच की जा रही है।
यानी कुल, गैंगवार के दौरान ठेकदार को तीस गोलियां मारी गईं थी। बीते शनिवार को अपने साथियों के साथ स्कॉर्पियो से जा रहे ओम प्रकाश सिंह उर्फ बाबू साहेब को गोलियां मारी गई थीं।
इस मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। मोतिहारी में बिजली ठेकेदार की हत्या के तार दिल्ली की तिहाड़ जेल से जुड़ रहे हैं। जो जानकारी आ रही है कि उसके मुताबिक तिहाड़ जेल में बंद कुख्यात अपराधी विकास झा उर्फ कालिया ने जेल में बैठकर इस मर्डर की पूरी कहानी लिखी थी। तिहाड़ से आदेश मिलने के बाद उसके गुर्गों ने इजोरबारा गांव में ठेकेदार पर गोलियां बरसाईं।
बाबू साहेब के पीछे तीन लेयर में अपराधी लगे हुए थे। पहले दरवाजे पर, दूसरे परसौनी मठ के पास और तीसरे रास्ते में। जैसे ही बाबू साहेब ने मुजफ्फरपुर के लिए इजोरबारा से होकर निकलने के लिए गाड़ी घुमाई, वैसे ही लाइनर ने तीसरी टीम को सूचना दे दी। जहां टाटा सूमो में सवार अपराधियों ने उसे इजोरबारा गांव में घेर कर गोली से छलनी कर दिया।
जानकारी के अनुसार, संतोष झा की हत्या के बाद से ओम प्रकाश सिंह मुकेश पाठक का राइट हैंड बन चुका था। वो उसकी राय के बिना कोई काम नहीं करता था।
संतोष झा की हत्या में बाबू साहेब के शामिल होने की बात सामने आई थी, जिसके बाद से झा गैंग का गुर्गे इसके पीछे लगे हुए थे।
झा गैंग ने कई बार बाबू साहेब की हत्या की कोशिश की, लेकिन वह हर बार बच निकलता था। इस बार विकास झा उर्फ कालिया ने जेल में बैठकर शतरंज की चाल कुछ इस कदर चली कि लक्ष्मीनिया गांव का बाबू साहेब उसमें फंस गया। गुर्गों ने चार पिस्टल की पूरी मैगजीन बाबू साहेब पर खाली कर दी।
बाबू साहेब के पीछे तीन लेयर में अपराधी लगे हुए थे। पहले दरवाजे पर, दूसरे परसौनी मठ के पास और तीसरे रास्ते में। जैसे ही बाबू साहेब ने मुजफ्फरपुर के लिए इजोरबारा से होकर निकलने के लिए गाड़ी घुमाई।
वैसे ही लाइनर ने तीसरी टीम को सूचना दे दी। जहां टाटा सूमो में सवार अपराधियों ने उसे इजोरबारा गांव में घेर कर गोलियों से छलनी कर दी।
इस दौरान विकास झा के घर के पास से एक युवक सहित आधा दर्जन से अधिक लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। हालांकि पुलिस को अभी कोई सफलता हाथ नहीं लगी है।
मोतिहारी एसपी कांतेश कुमार मिश्रा ने बताया कि बाबू साहेब की हत्या में शामिल अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए एसआईटी का गठन किया गया है।
इसके साथ ही अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए मोतिहारी पुलिस की अलग-अलग टीम चार जिले मोतिहारी, शिवहर, सीतामढ़ी और मुजफ्फरपुर में छापेमारी कर रही है।