
बिहार में सभी जिला मुख्यालयों में 16 से 21 अक्टूबर तक छह दिवसीय शिक्षकों का आवासीय प्रशिक्षण का प्रस्ताव शिक्षा विभाग ने वापस ले लिया है। इसके तहत करीब बीस हजार शिक्षकों का प्रशिक्षण होना था।
आवासीय प्रशिक्षण के पहले दिन सोमवार को भूख हड़ताल पर रहकर शिक्षण प्रशिक्षण केंद्र पर गए थे। वहीं, शिक्षकों ने सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया था कि वह इस प्रशिक्षण कार्य को रद करते हुए आगे की तिथि प्रस्तावित करें, अन्यथा आने वाले समय में
आंदोलन की भी घोषणा की जाएगी। इसको देखते हुए सरकार और शिक्षा विभाग ने तत्काल फैसला लिया और प्रशिक्षण कार्यक्रम को रद कर दिया गया। नवरात्रि के समय टीचरों की ट्रेनिंग को रद कर दिया गया है।
इससे पहले बिहार में नवरात्रि के समय टीचरों ट्रेनिंग को लेकर खूब बवाल देखने को मिला। कई ऐसे मामले भी सामने आए जिसमें टीचर उपवास रख कर ट्रेनिंग के लिए पहुंचे थे। विपक्षी में बैठी भाजपा भी इसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का तुगलकी फरमान बता रही थी।
केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह सहित भाजपा के इन नेताओं ने राज्यपाल से मिलकर इस फैसले के खिलाफ ज्ञापन भी सौंपा था। शिक्षा विभाग की ओर से जारी नए फरमान को लेकर शिक्षक संघ भी फैसले को वापस लेने की मांग सरकार से कर रही थी।
शिक्षा विभाग के आदेश को लेकर बेगूसराय के विष्णुपुर स्थित पीटीइसी प्रशिक्षण केंद्र पर शिक्षक उपवास पर रहकर प्रशिक्षण लेने गए थे। इस दौरान शिक्षको ने जमकर नारेबाजी की और प्रशिक्षण के आदेश को रद करने की मांग की थी। इसके बाद दबाव में आकर बिहार सरकार को अपना फैसला बदलना पड़ा है। नवरात्रि के समय टीचरों की ट्रेनिंग को रद कर दिया गया है।