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2 दिसम्बर, 2025

बिहार विधानसभा में बसपा का इकलौता चेहरा: सतीश यादव ने भरा हुंकार, कहा- ‘समझौता नहीं’

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रामगढ़ न्यूज़: बिहार विधानसभा में एक नए अध्याय की शुरुआत हुई है, जहां एक विधायक की एंट्री ने सबको चौंका दिया है। रामगढ़ से जीते बसपा के सतीश कुमार यादव अब सदन में इकलौते ऐसे विधायक हैं, जो अपनी पार्टी की आवाज बनेंगे। सवाल है, क्या मायावती का यह अकेला सिपाही सदन के भीतर और बाहर सरकार को घेर पाएगा?

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बिहार विधानसभा चुनाव के बाद सदन में नए चेहरों का आगमन जारी है। इन्हीं में से एक हैं रामगढ़ विधानसभा सीट से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर चुनाव जीतकर पहली बार सदन पहुंचे सतीश कुमार यादव। बसपा के बिहार में एकमात्र विधायक होने के कारण उनकी भूमिका बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। सदन में प्रवेश से पहले मीडिया से बातचीत में सतीश यादव ने साफ किया कि वह बसपा सुप्रीमो मायावती की विचारधारा और नेतृत्व के प्रति पूरी तरह समर्पित हैं। उन्होंने कहा कि वह बहन मायावती के सिद्धांतों से प्रेरित हैं और बिहार में पार्टी को मजबूती देने के लिए पूरी लगन से काम करेंगे। यादव ने यह भी बताया कि भले ही इस बार बसपा को सिर्फ एक सीट मिली हो, लेकिन वह अकेले भी अपनी आवाज को प्रभावी ढंग से सदन में उठाएंगे।

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क्षेत्रीय मुद्दों पर मुखरता का संकल्प

अपने रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र की समस्याओं पर बात करते हुए सतीश यादव ने क्षेत्रवासियों को आश्वस्त किया कि वे हर मुद्दे को सड़क से लेकर सदन तक पूरी दृढ़ता से उठाएंगे। उन्होंने विशेष रूप से शिक्षा की बदहाली, सड़कों की खराब स्थिति, स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव और बढ़ती बेरोजगारी जैसी प्रमुख समस्याओं का जिक्र किया। यादव ने जोर देकर कहा कि उनकी प्राथमिकता लोगों की परेशानियों को सीधे सरकार के सामने लाना और उनके त्वरित समाधान के लिए दबाव बनाना होगा।

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यह भी पढ़ें:  बिहार विधानसभा में सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुने जाएंगे प्रेम कुमार, विपक्ष ने भी किया समर्थन

विपक्ष की भूमिका में मजबूती से डटे रहेंगे

सदन के भीतर अपनी भूमिका को स्पष्ट करते हुए सतीश यादव ने कहा कि वह पूरी तरह से एक जिम्मेदार विपक्ष के रूप में काम करेंगे। उन्होंने विपक्ष की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनका काम सरकार की हर नीति और फैसले पर पैनी नजर रखना, आवश्यक सवाल उठाना और जनता के हित में बेहतर विकल्प प्रस्तुत करना है। उन्होंने दोहराया कि बसपा के अकेले विधायक होने के बावजूद, वह अपनी संवैधानिक और राजनीतिक जिम्मेदारियों को पूरी निष्ठा के साथ निभाएंगे।

विचारधारा से कोई समझौता नहीं

राजनीतिक गलियारों में सत्ताधारी दल द्वारा विपक्षी विधायकों को साधने के प्रयासों पर पूछे गए सवाल पर सतीश यादव ने सधा हुआ जवाब दिया। उन्होंने कहा कि राजनीति में ऐसे प्रयास सामान्य बात हैं और यह चलता रहता है। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि वह अपनी विचारधारा और बसपा की नीतियों से किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करेंगे। उनके इस बयान ने यह साफ संदेश दिया कि वे अपने राजनीतिक मूल्यों पर अडिग रहेंगे।

बसपा विधायक सतीश कुमार यादव का बिहार विधानसभा में प्रवेश न केवल उनके लिए बल्कि रामगढ़ की जनता के लिए भी नई उम्मीदों के साथ आया है। अब देखना यह होगा कि बतौर एकमात्र विपक्षी विधायक, वे कितनी मजबूती से अपनी और जनता की आवाज बुलंद कर पाते हैं।

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