पटना समाचार: बिहार की 18वीं विधानसभा का पहला सत्र शुरू हो चुका है, और इसके साथ ही प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में एक नई गहमागहमी देखने को मिल रही है। पांच दिवसीय इस सत्र का पहला दिन ऐतिहासिक रहा, जब नवनिर्वाचित विधायकों ने शपथ ली। सदन के अंदर का नजारा काफी बदल गया है, जहां सत्ता पक्ष की ताकत बढ़ी है, वहीं विपक्ष के सामने नई चुनौतियां खड़ी हैं। आखिर क्या संदेश दे रहा है यह नया सियासी समीकरण?
1 दिसंबर, 2025 को बिहार में 18वीं विधानसभा का पहला सत्र विधिवत रूप से शुरू हुआ। पांच दिनों तक चलने वाले इस महत्वपूर्ण सत्र में कई अहम कार्य निपटाए जाएंगे, जिसमें सबसे प्रमुख नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाना है। विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर नरेंद्र नारायण यादव ने सदन की कार्यवाही का संचालन करते हुए विधायकों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।
उपमुख्यमंत्रियों ने सबसे पहले ली शपथ
शपथ ग्रहण की प्रक्रिया की शुरुआत प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और गृह मंत्री सम्राट चौधरी से हुई। उन्होंने तारापुर विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित विधायक के रूप में सबसे पहले शपथ ली। उनके बाद दूसरे उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने लखीसराय विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित होने पर शपथ ग्रहण की। बता दें कि इससे पहले राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने राजभवन में आयोजित एक समारोह में नरेंद्र नारायण यादव को प्रोटेम स्पीकर पद की शपथ दिलाई थी।
विपक्ष की घटी ताकत, भाजपा बनी सबसे बड़ी पार्टी
18वीं विधानसभा में सदन के भीतर की तस्वीर काफी बदली हुई नजर आ रही है। इस बार कोई भी निर्दलीय विधायक चुनकर सदन में नहीं पहुंचा है, जबकि पिछले सत्र की तुलना में विपक्ष की संख्या में भारी कमी आई है। मुख्य विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के पास 25 विधायक हैं, वहीं कांग्रेस को केवल छह सीटों पर जीत मिल सकी है।
सत्ताधारी गठबंधन एनडीए में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है, जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) 85 विधायकों के साथ दूसरी सबसे बड़ी सहयोगी पार्टी है। गौरतलब है कि 6 और 11 नवंबर को हुए दो चरणों के विधानसभा चुनावों में एनडीए ने कुल 202 सीटें जीतकर शानदार बहुमत हासिल किया था, जबकि विपक्षी महागठबंधन को 35 सीटों से ही संतोष करना पड़ा था, जिनमें से 25 सीटें आरजेडी ने जीती थीं।
नई सरकार के एजेंडे पर राज्यपाल का संबोधन
आगामी 3 दिसंबर को राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान विधानसभा एनेक्सी के सेंट्रल हॉल में विधानसभा और विधान परिषद, दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे। उम्मीद की जा रही है कि इस संबोधन में नवगठित एनडीए सरकार के आगामी कार्यकाल के लिए प्रमुख एजेंडा और प्राथमिकताएं स्पष्ट की जाएंगी, जिससे प्रदेश के विकास की नई दिशा तय होगी।








