बिहार विधानमंडल का पांच दिवसीय शीतकालीन सत्र आज से शुरु हो गया। जो शुरू होते ही हंगामेदार नजर आ रहा है। बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के पहले दिन लॉ-एंड-ऑर्डर को लेकर विपक्ष जमकर हंगामा कर रहा है। विपक्ष ने जॉब में घोटाले का भी आरोप लगाकर भी सरकार को घेरा है। इजराइल और फिलिस्तीन का मुद्दा भी विधानसभा में उठा (Bihar Assembly session begins) है।
वहीं, 7 और 8 नवंबर को राजकीय विधेयक एवं अन्य राजकीय कार्य होंगे। साथ ही जाति आधारित गणना के तहत आर्थिक सर्वे पेश किया जा सकते हैं। आर्थिक सर्वेक्षण के आंकड़े समेत जाति आधारित गणना की पूरी रिपोर्ट विधानमंडल में पेश की जा सकती है। 9 नवंबर को द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरणी पर वाद विवाद होगा। वहीं, पढ़िए आज कैसे शुरू हुआ विधानमंडल…
वहीं,बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र की शुरुआत राज्य सरकार ने वक्त से पहले करा दी। बताया जा रहा है कि राज्य सरकार इस बात से आशंकित है कि लोकसभा चुनाव वक्त से पहले हो सकते हैं। इसकी आशंका खुद सीएम नीतीश कुमार कई बार जता चुके हैं। लेकिन राज्य सरकार लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले बिहार विधानमंडल के सत्र में अपने कई टारगेट पूरा करने की कोशिश में है।
इसमें जातीय जनगणना की रिपोर्ट पर चर्चा भी शामिल है। वैसे सत्र की शुरुआत से पहले ही हंगामे के आसार स्पष्ट दिख रहे हैं। क्योंकि इसमें बात बिहार से अलग सीएम उम्मीदवार और हमास की भी हो रही है।
विधानसभा में जीएसटी संशोधन आदेश विधेयक पेश किया गया। वित्त मंत्री ने 2023-24 का द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरण पेश किया है। सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले बीजेपी विधायक हरिभूषण बचौल ने कहा कि बिहार में कानून-व्यवस्था फेल है। तुष्टिकरण की राजनीति की जा रही है। लैंड जिहाद का खेल चल रहा है।
सरकार धर्मांतरण, जातिवाद का जहर घोल रही है। प्रदेश में भ्रष्टाचार चरम पर है। वहीं तेजस्वी के बयान पर कहा कि सरकार कलम बांटती है या लाठी में तेल पिलवा कर मरवाती है, ये सब जानते हैं। तेजस्वी के भूमिहार वाले बयान पर उन्होंने कहा कि इलेक्शन पास आया है तो तेजस्वी ऐसे ही छलने का काम करेंगे। बीजेपी जात की राजनीति नहीं करती है, जमात की राजनीति करती है।
विधानसभा परिसर में बीजेपी के तमाम विधायक बैनर-पोस्टर लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। डिप्टी सीएम तेजस्वी को चार्जशीटेड बताकर सीएम नीतीश से बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं। लैंड फॉर जॉब मामले में तेजस्वी को घेर रही है। बिगड़ती कानून व्यवस्था का मुद्दा भी उठा रहे हैं। बीजेपी के नेताओं के अलावा बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी भी इस बहाली पर सवाल उठा चुके हैं।
उन्होंने अपने आवास पर अभ्यर्थियों की समस्याओं को भी सुना था। लगातार ट्वीट कर रहे थे। इस मामले में मुख्यमंत्री को पत्र भी लिख चुके हैं। यहां तक कह चुके हैं कि पैसे लेकर बहाली हुई है। विधानमंडल के आसपास के क्षेत्रों में धारा-144 लागू है। विधानसभा की कार्यवाही सुबह 11 बजे से शुरू हुई।
वैसे तो बिहार में विधानसभा चुनाव दूर है। लेकिन यह अकेला राज्य बन चुका है जहां सरकारें चलते चलते गिर जाती हैं और बिना चुनाव फिर नई सरकार बन भी जाती है। पिछले आठ सालों में बिहार में दो बार चुनाव हुए हैं लेकिन सरकार चार बार बनी है। इसी बीच जदयू विधायक विनय चौधरी ने भाजपा से पूछा है कि उनका सीएम उम्मीदवार कौन है। दरअसल, जातीय गणना के बाद भाजपा बिहार में अतिपिछड़ा सीएम की मांग कर रही है। इसी का जवाब देते हुए विनय चौधरी ने भाजपा से उसका सीएम उम्मीदवार पूछा है।
जदयू के सवाल से भड़की भाजपा ने हमास पर सवाल कर दिए हैं। भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने हमास पर जदयू और राजद से अपना स्टैंड बताने की मांग की है। बिहार विधानसभा का शीतकालीन सत्र के हंगामेदार होने के पूरे आसार हैं। क्योंकि जिस तरह सत्र से पहले ही बवाल शुरू हो गया है। ऐसे में कहीं विधानसभा का ये विंटर सेंशन हंगामे की भेट न चढ़ जाए। शिक्षक बहाली, और जातीय गणना की रिपोर्ट पर विपक्ष के तेवर हमलावर हैं। बीजेपी शिक्षक बहाली में गड़बड़ी और जातीय गणना रिपोर्ट में धांधली के आरोप लगी चुकी है।
रोहतास के डेहरी से राजद विधायक फतेह बहादुर सिंह ने कहा कि वो दुर्गा और हिंदू देवताओं पर दिए अपने बयान पर आज भी कायम हैं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला है कि रामायण के सभी पात्र काल्पनिक हैं। हिंदू धर्म ग्रंथों को भगवान ने नहीं, बल्कि इंसानों ने लिखा है।
डेहरी विधायक के जवाब में बीजेपी विधायक ने कहा कि ये इनलोगों को अपनी जमीन खिसकती हुई दिखाई दे रही है। राजनीति में इन लोगों को लगने लगा है कि ना हिंदू में है, ना मुसलमान में हैं, इसलिए बेचैन हैं। बेचैन होकर इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं।