पटना न्यूज़: बिहार की 18वीं विधानसभा का पहला सत्र आज सोमवार से शुरू हो रहा है, जिसके साथ ही राज्य की विधायी प्रक्रिया में एक नया अध्याय जुड़ेगा। हाल ही में संपन्न हुए चुनावों के बाद यह पहला मौका है जब नवनिर्वाचित विधायक एक साथ सदन में प्रवेश करेंगे। इस सत्र में न सिर्फ नए चेहरों का शपथ ग्रहण होगा, बल्कि विधानसभा के कामकाज में कई बड़े तकनीकी बदलाव भी देखने को मिलेंगे, जो इसे और भी आधुनिक बनाएंगे। 5 दिसंबर तक चलने वाले इस सत्र में क्या कुछ खास होगा, आइए जानते हैं।
नवनिर्वाचित विधायकों का शपथ ग्रहण
सत्र के पहले दिन, यानी आज सोमवार को सभी 243 नवनिर्वाचित विधायकों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई जाएगी। इस महत्वपूर्ण कार्य को संपन्न कराने के लिए राज्यपाल द्वारा नियुक्त प्रोटेम स्पीकर नरेंद्र नारायण यादव सदस्यों को शपथ दिलाएंगे। यह प्रक्रिया नए विधानसभा के गठन की औपचारिक शुरुआत का प्रतीक है, जहां प्रदेश के भविष्य से जुड़े फैसले लिए जाएंगे।
विधानसभा सत्र का विस्तृत कार्यक्रम
यह शीतकालीन सत्र 5 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें कई महत्वपूर्ण विधायी कार्य पूरे किए जाएंगे। सत्र का विस्तृत कार्यक्रम इस प्रकार है:
- 2 दिसंबर: विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा, जो इस सत्र का एक मुख्य आकर्षण माना जा रहा है। नए अध्यक्ष के चुनाव के साथ सदन को नया नेतृत्व मिलेगा।
- 3 दिसंबर: राज्यपाल दोनों सदनों (विधानसभा और विधान परिषद) की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगे। यह संबोधन सरकार की आगामी नीतियों और प्राथमिकताओं की रूपरेखा प्रस्तुत करेगा।
- 4 दिसंबर: राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव लाया जाएगा, जिस पर सदन में विस्तृत चर्चा होगी। इसके बाद सरकार अपनी ओर से जवाब प्रस्तुत करेगी।
- 5 दिसंबर: द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरणी पर विचार किया जाएगा। इसी के साथ यह सत्र समाप्त हो जाएगा, जिसमें कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा और निर्णय अपेक्षित हैं।
विधानसभा परिसर की भव्य तैयारी
नवनिर्वाचित विधायकों के स्वागत के लिए विधानसभा परिसर को नए सिरे से सजाया गया है। पहली बार सदन में प्रवेश करने वाले विधायकों का स्वागत ताजे फूलों से सजे भवन के बीच होगा। परिसर की सुंदरता बढ़ाने के लिए लॉन में विशेष मैक्सिकन घास बिछाई गई है। इसके लिए पुरानी मिट्टी हटाकर गंगा किनारे से नई मिट्टी मंगाई गई है, जिससे पूरे परिसर को आकर्षक और स्वच्छ रूप दिया गया है। यह तैयारी एक नए और सकारात्मक माहौल का प्रतीक है।
पेपरलेस होगी विधानसभा, आधुनिक तकनीक से लैस
18वीं विधानसभा में तकनीक के मोर्चे पर दो बड़े और क्रांतिकारी बदलाव किए गए हैं। अब बिहार विधानसभा पूरी तरह से पेपरलेस हो गई है, जिससे कागजी कार्यवाही में कमी आएगी और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।
- टैबलेट की सुविधा: प्रत्येक विधायक की सीट पर सैमसंग के टैबलेट लगाए गए हैं। इन टैबलेट के माध्यम से प्रश्नोत्तर, नोटिस और अन्य सभी दस्तावेजों का आदान-प्रदान अब ऑनलाइन होगा। यह व्यवस्था समय और संसाधनों की बचत के साथ सदन की कार्यशैली को और अधिक आधुनिक व पारदर्शी बनाएगी।
- ऑटोमैटिक सेंसर माइक: सदन में ऑटोमैटिक सेंसर वाले माइक भी स्थापित किए गए हैं। ये माइक विधायक के बैठने या खड़े होने के अनुसार स्वयं चालू और बंद होते हैं। इस प्रणाली को संचालित करने के लिए एक अलग कंट्रोल सिस्टम भी बनाया गया है, जिससे कार्यवाही अधिक सुचारू और प्रभावी होगी।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
सत्र के दौरान किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी कर दी गई है।
- विधानसभा परिसर और उसके आसपास कुल 800 जवानों की तैनाती की गई है।
- वाहनों की जांच के लिए डॉग स्क्वायड और आधुनिक मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
- पूरे क्षेत्र में बैरिकेडिंग लगाकर सख्त चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है।
- पटना सदर के एसडीएम गौरव कुमार ने 1 से 5 दिसंबर तक प्रतिबंधात्मक आदेश (धारा 144) जारी किया है। इसके तहत किसी भी तरह के जुलूस, भीड़ इकट्ठा करने, नारेबाजी करने और हथियार लेकर चलने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
- धरना-प्रदर्शन केवल निर्धारित स्थल गर्दनीबाग में ही किए जा सकेंगे।
ये कड़े सुरक्षा इंतजाम सत्र को शांतिपूर्ण और व्यवस्थित ढंग से संपन्न कराने के लिए किए गए हैं। यह सत्र न केवल नई विधानसभा की शुरुआत है, बल्कि बिहार की विधायी प्रक्रिया में तकनीक और सुरक्षा के बदलावों का महत्वपूर्ण संकेत भी देता है।








