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27 नवम्बर, 2025

बिहार में BSP विधायक को तोड़ने की कोशिश का आरोप, क्या दोहराया जाएगा 2020 का इतिहास?

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पटना: बिहार में नई सरकार के गठन के साथ ही सियासी हलचल तेज़ हो गई है। एनडीए को भारी बहुमत मिला है, लेकिन अब विपक्षी खेमे से एक चौंकाने वाला दावा सामने आया है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने आरोप लगाया है कि उसके इकलौते विधायक को तोड़ने की कोशिश की जा रही है, जिसने राजनीतिक गलियारों में खलबली मचा दी है।

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रामगढ़ सीट से रोमांचक जीत और सियासी घमासान

हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में बसपा को केवल एक सीट पर जीत हासिल हुई थी। कैमूर जिले की रामगढ़ सीट से बसपा के सतीश कुमार सिंह यादव ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के उम्मीदवार अशोक कुमार सिंह को मात्र 30 वोटों के बेहद कम अंतर से हराया था। इस जीत के बाद अब बसपा ने सत्ता पक्ष पर अपने विधायक को तोड़ने का गंभीर आरोप लगाया है, जिससे बिहार की राजनीति गरमा गई है।

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पटना में बसपा की महत्वपूर्ण बैठक

इस पूरे घटनाक्रम के बीच बुधवार (26 नवंबर, 2025) को पटना के महाराजा कॉम्प्लेक्स में बसपा की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक आकाश आनंद मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे। उन्होंने संगठन की मजबूती और विधायकों की निष्ठा पर विशेष जोर दिया। आकाश आनंद ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पार्टी दल-बदल के किसी भी प्रयास का डटकर मुकाबला करेगी और अपने विधायक की हर कीमत पर रक्षा करेगी।

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सत्ता पक्ष पर लगे गंभीर आरोप

बैठक के दौरान बिहार प्रभारी अनिल कुमार ने एक बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष लगातार बसपा विधायक सतीश यादव से संपर्क साधने और उन्हें अपने पाले में करने की कोशिश कर रहा है। हालांकि, अनिल कुमार ने विश्वास जताया कि बसपा विधायक किसी भी दबाव या लालच में नहीं आएंगे। ये आरोप इसलिए भी अधिक महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं क्योंकि बिहार में बसपा विधायकों के दल-बदल का पुराना इतिहास रहा है, जिससे पार्टी की चिंताएं बढ़ गई हैं।

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बसपा के दल-बदल का पुराना इतिहास

यह पहला मौका नहीं है जब बसपा बिहार में इस तरह की आशंका से गुजर रही है। वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में कैमूर जिले की चैनपुर सीट से बसपा के मोहम्मद जमा खान ने जीत दर्ज की थी। लेकिन, अपनी जीत के एक साल बाद, यानी 2021 में, उन्होंने बसपा का साथ छोड़कर जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) का दामन थाम लिया था। दल-बदल के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें अपनी कैबिनेट में शामिल किया और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री बनाया था।

जमा खान का वर्तमान सियासी सफर

मोहम्मद जमा खान ने इस बार भी जेडीयू के टिकट पर चैनपुर से चुनाव जीता है और एक बार फिर नीतीश सरकार में मंत्री बनाए गए हैं। वह वर्तमान राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार में एकमात्र मुस्लिम मंत्री हैं। इस पृष्ठभूमि में, बसपा को आशंका है कि 2025 में जीत हासिल करने वाले उनके एकमात्र विधायक सतीश यादव भी सत्ता पक्ष की रणनीति का निशाना बन सकते हैं।

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पार्टी नेतृत्व की नई रणनीति

बसपा की समीक्षा बैठक में इस संवेदनशील मुद्दे पर विस्तार से चर्चा हुई। पार्टी नेतृत्व ने स्पष्ट संकेत दिया है कि वह किसी भी प्रकार की टूट या दल-बदल की आशंका को रोकने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है। पार्टी इस बार इतिहास दोहराने से रोकने के लिए हर संभव प्रयास करने को तैयार दिख रही है, ताकि उसके इकलौते विधायक की निष्ठा बनी रहे और पार्टी का जनाधार सुरक्षित रहे।

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