बिहार | अयोध्या में भव्य राम मंदिर के अभिषेक के बाद भी देश में धार्मिक और राजनीतिक बयानबाजी का सिलसिला थमा नहीं है। इसी कड़ी में बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने एक ऐसा बयान दिया है, जिसने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। उनका यह तीखा बोल अब यह सवाल खड़ा कर रहा है कि आखिर उनका इशारा किसकी ओर था और इसके क्या निहितार्थ हैं?
उपमुख्यमंत्री का सीधा हमला
उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने हाल ही में अपने एक सार्वजनिक संबोधन में यह कहकर सनसनी फैला दी कि “बाबर का कोई भी औलाद बाबरी मस्जिद नहीं बना सकता।” उनके इस बयान को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के संदर्भ में देखा जा रहा है, जहां पहले बाबरी मस्जिद हुआ करती थी। सिन्हा ने जोर देकर कहा कि देश में अब राम राज की स्थापना हो चुकी है और ऐसे में किसी भी ‘बाहरी आक्रांता’ से जुड़ी संरचना का निर्माण संभव नहीं है। उनका यह बयान सीधे तौर पर उन लोगों पर निशाना साधता प्रतीत होता है जो अयोध्या विवाद के दौरान बाबरी मस्जिद के पक्ष में खड़े थे या उसके पुनर्निर्माण की वकालत करते रहे हैं।
बयान के सियासी मायने
यह बयान ऐसे समय में आया है जब राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा के बाद से देश में एक नई राजनीतिक और सांस्कृतिक बहस छिड़ी हुई है। भाजपा सहित कई हिंदुत्ववादी संगठन लगातार यह दावा करते रहे हैं कि देश में अब ‘राम राज्य’ का दौर है और अतीत की गलतियों को सुधारा जा रहा है। उपमुख्यमंत्री सिन्हा का यह बयान भी इसी विचारधारा को पुष्ट करता हुआ दिख रहा है। उन्होंने स्पष्ट संदेश दिया कि अब देश का मिजाज बदल चुका है और अतीत की किसी भी विवादास्पद इमारत को दोबारा बनाने का प्रयास सफल नहीं होगा। विजय सिन्हा के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में गरमागरम बहस छिड़ गई है।







