बिहार सरकार ने राज्य में शिक्षा के स्तर को ऊपर उठाने और आधुनिक तकनीक से जोड़ने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब राज्य के हर जिले में मॉडल स्कूल और कॉलेज स्थापित किए जाएंगे, जिनका उद्देश्य छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना होगा। इसके साथ ही, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को शिक्षा के क्षेत्र में उच्च प्राथमिकता दी जाएगी, ताकि छात्र भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार हो सकें।
शिक्षा में AI का बढ़ता महत्व
शिक्षा के क्षेत्र में AI को प्राथमिकता देने का मतलब है कि अब स्कूली और कॉलेज स्तर पर छात्रों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की बुनियादी और उन्नत जानकारी दी जाएगी। इसमें AI आधारित लर्निंग टूल्स का उपयोग, पाठ्यक्रम में AI से संबंधित विषयों का समावेश और शिक्षकों को AI तकनीक के उपयोग के लिए प्रशिक्षित करना शामिल होगा। सरकार का मानना है कि इससे छात्रों की तार्किक क्षमता और समस्या-समाधान कौशल में वृद्धि होगी।
हर जिले में बनने वाले मॉडल स्कूल और कॉलेज अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे। इन संस्थानों में डिजिटल लाइब्रेरी, स्मार्ट क्लासरूम, आधुनिक विज्ञान प्रयोगशालाएं और खेल के मैदान जैसी सुविधाएं होंगी। इन संस्थानों का लक्ष्य सिर्फ अकादमिक उत्कृष्टता ही नहीं, बल्कि छात्रों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करना भी है। सरकार ने इन संस्थानों के निर्माण और संचालन के लिए विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए हैं।
भावी पीढ़ी के लिए सशक्त आधार
इस पहल से बिहार की शिक्षा प्रणाली में एक नई जान फूंकने की उम्मीद है। यह न केवल छात्रों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगा, बल्कि उन्हें रोजगार के नए अवसरों के लिए भी तैयार करेगा। सरकार का मानना है कि शिक्षा में तकनीक का यह समावेश राज्य को ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था की दिशा में आगे बढ़ाएगा।
शिक्षा विभाग को इस महत्वाकांक्षी परियोजना को समयबद्ध तरीके से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। अधिकारियों को जल्द से जल्द कार्ययोजना तैयार कर उस पर अमल शुरू करने को कहा गया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह योजना बिहार के शैक्षणिक परिदृश्य को कैसे बदलती है।



