Bihar News, Career News पहली से पांचवीं तक सात क्षेत्रीय भाषाओं में पढ़ाई होगी। वैसे, यह आज का फैसला नहीं है। अर्से से पूरे देश में क्षेत्रीय भाषाओं में जूनियर क्लास के बच्चों को उनकी अपनी भाषा यानि मातृभाषा में शिक्षा देने की नई शिक्षा नीति देश में आई।
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Bihar News | Career News | सब्जेक्ट मेटेरियल जुटाने में शिक्षा विभाग जुटा
इसको लेकर बिहार में भी यह लागू हुआ और अब यह मूर्त में सामने आने वाला है। कारण, इसके लिए सब्जेक्ट मेटेरियल जुटाने में शिक्षा विभाग जुट गया है।
Bihar News | Career News | इससे पहले CBSE भी यह ऐतिहासिक फैसला कर चुका है
इससे पहले CBSE भी यह ऐतिहासिक फैसला कर चुका है। क्षेत्रीय भाषाओं में 12वीं तक की पढ़ाई करने का। इसको लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने स्कूल में पढ़ाई जाने वाली NCERT की किताबें भारत की क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध कराने का फैसला किया था।
Bihar News | Career News | इससे पहले CBSE भी यह ऐतिहासिक फैसला कर चुका है थी
शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इन किताबों को भारत की 22 अलग-अलग भाषाओं उपलब्ध कराए जाने की योजना बनी। मगर, अब बिहार भी इसी राह पर अग्रसर है।
Bihar News | Career News | बिहार में भी सरकार ने 26 मार्च 2021 में ही तय किया था
हालांकि, बिहार में भी सरकार ने 26 मार्च 2021 में ही तय किया था कि राज्य के प्राथमिक स्कूलों में पांचवीं कक्षा के बच्चों को उनकी स्थानीय, क्षेत्रीय या मातृभाषा में पढ़ाया जाए। उन्हें भोजपुरी, मैथिली, मगही, अंगिका, बज्जिका व अन्य स्थानीय भाषाओं में पढ़ाया जाए।
Bihar News | Career News | यह फैसला 2021-22 के सत्र से ही प्रभावी होना था, मगर अब
यह फैसला अगले सत्र यानि 2021-22 से प्रभावी होने की संभावना थी। मगर, अब इसमें बड़ा अपडेट सामने आ गया है। पहली से पांचवीं कक्षा में जल्द सात क्षेत्रीय भाषाओं की पढ़ाई शुरू की जाएगी। इसके लिए स्टोरी मटेरियल तैयार करने में विभाग जुट गया है। पढ़िए पूरी खबर
Bihar News | Career News | स्कूलों में इसी सत्र से भोजपुरी, मगही, मैथिली समेत सात भाषाओं में पढ़ाई शुरू होने वाली है
बिहार के स्कूलों में इसी सत्र से भोजपुरी, मगही, मैथिली समेत सात भाषाओं में पढ़ाई शुरू होने वाली है। पहली से पांचवीं कक्षा के बच्चों के लिए इन भाषाओं में स्टोरी टेलिंग मटेरियल तैयार किया जा रहा है। सूबे की स्थानीय भाषाओं में भाषा और सामाजिक विज्ञान का स्टोरी टेलिंग मटेरियल बनाया जा रहा है।
Bihar News | Career News | अलग-अलग भाषाओं में टीचर्स हैंडबुक भी तैयार हो रही
अलग-अलग भाषाओं में टीचर्स हैंडबुक भी तैयार हो रही है। राज्य शिक्षा शोध प्रशिक्षण परिषद ने 2024-25 सत्र से इसे शुरू करने का निर्देश दिया है। शिक्षकों को इसके लिए अलग से ट्रेनिंग भी दी जाएगी।
Bihar News | Career News | अलग-अलग कार्यशाला, अलग-अलग विशिष्ट लोगों का लिया जा रहा सहयोग
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत, राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद् द्वारा भाषा तथा सामाजिक विज्ञान शिक्षण की गुणवत्ता के विकास के लिए बिहार की स्थानीय भाषाओं में स्टोरी टेलिंग मटेरियल तैयार किया जा रहा है। इसके लिए कार्यशाला का आयोजन राज्य स्तर पर किया गया है। इसमें अलग-अलग टीचर ट्रेनिंग कॉलेज के व्याख्याता और शिक्षकों का साधनसेवी के रूप में चयन किया गया है।
Bihar News | Career News | इलाके और भाषा के आधार पर तैयार होगा आधार, उसी अनुरूप होंगी उस भाषा की पढ़ाई
शिक्षा विभाग के अनुसार, बिहार के जिस इलाके में जिस तरह की भाषा बोली जाती है। स्कूलों में किस स्थानीय भाषा के बच्चे आ रहे हैं, उन्हें ध्यान में रख जाएगा और उसी आधार से इसे तैयार किया जा रहा। इन भाषाओं में संबंधित शिक्षक किस तरह बच्चों को पढ़ाएंगे, इसे लेकर कार्यशाला में ट्रेनिंग मिलेगी।
Bihar News | Career News | बच्चों की आसानी का पूरा रखा जा रहा ख्याल
विभाग की मानें तो हर पाठ एक स्टोरी से जोड़ कर तैयार किया जा रहा। इससे बच्चे आसानी से समझ सकेंगे। स्थानीय भाषा और शब्दों के चयन का काम पूरा हो चुका है। अलग-अलग जिलों से अलग-अलग भाषाओं के लिए शिक्षकों की टीम बनाई गई है।
Bihar News | Career News | देश में सालों पूर्व शिक्षा नीति में बदलाव में मिले थे ये संकेत
हालांकि, देश में आज से करीब 36 साल बाद शिक्षा नीति में हुए बदलाव में सरकार ने भाषा से जुड़े भी कई अहम बदलाव किए थे। इसके तहत सरकार ने त्रिभाषा फार्मूला अपनाया। यानी कि अब बच्चों के लिए पांचवी तक उनकी मातृभाषा क्षेत्रीय या स्थानीय भाषा का उपयोग किया जाएगा। हालांकि उस दौरान तय किया गया था यह भाषा थोपी नहीं जाएगी।
Bihar News | Career News | विभाग इसे सुगम और सरल बनाने में जुटा है
हालांकि, पहले यह तय किया था कि किसी पर भाषा थोपी नहीं जाएगी। लेकिन, अब विभाग इसे सुगम और सरल बनाने में जुटा है। ताकि, पाठयक्रम सुरूचिगर हो।कक्षा पांचवी तक शिक्षा के माध्यम के रूप में स्थानीय भाषाओं को अपनाना शिक्षा के शुरुआती चरण में महत्वपूर्ण है। इस उम्र में सिद्धांतों को समझना और रचनात्मकता प्रदर्शित करने में बच्चे की ताकत बेहतर ढंग से प्रदर्शित होती है।
Bihar News | Career News | यह पहली बार होगा जब भारतीय भाषाओं को तवज्जों देने के साथ उसे सहेजने और लुप्त होती भाषाओं को बचाने पर जोर दिया जाएगा
इससे पहले यह तय हुआ था कि स्कूली शिक्षा में अब त्रिभाषा फॉर्मूला चलेगा। इसमें संस्कृत के साथ अन्य तीन भारतीय भाषाओं का विकल्प होगा। साथ ही इलेक्टिव में विदेशी भाषा चुनने की भी आजादी होगी। यह पहली बार होगा जब भारतीय भाषाओं को तवज्जों देने के साथ उसे सहेजने और लुप्त होती भाषाओं को बचाने पर जोर दिया जाएगा।
Bihar News | Career News | कम से कम कक्षा 5 तक बच्चों से बातचीत का माध्यम मातृभाषा, स्थानीय भाषा, क्षेत्रीय भाषा रहेगी
त्रि-भाषा फार्मूला क्या है? नई शिक्षा नीति में कम से कम कक्षा 5 तक बच्चों से बातचीत का माध्यम मातृभाषा, स्थानीय भाषा, क्षेत्रीय भाषा रहेगी। छात्रों को स्कूल के सभी स्तरों और उच्च शिक्षा में संस्कृत को विकल्प के रूप में चुनने का अवसर मिलेगा। त्रि-भाषा फॉर्मूले में भी यह विकल्प शामिल होगा।
Bihar News | Career News | साइन लैंग्वेज को मानकीकृत किया जाएगा
पारंपरिक भाषाएं और साहित्य भी विकल्प होंगे। कई विदेशी भाषाओं को भी माध्यमिक शिक्षा स्तर पर एक विकल्प के रूप में चुना जा सकेगा। भारतीय संकेत भाषा यानी साइन लैंग्वेज को मानकीकृत किया जाएगा और बधिर छात्रों के इस्तेमाल के लिए राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय पाठ्यक्रम सामग्री विकसित की जाएंगी।
Bihar News | Career News | केंद्र सरकार ने दी थी बहुत पहले ही नई शिक्षा नीति को मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 को मंजूरी दे थी। इसके तहत कई बड़े बदलाव किए गए थे। इसके तहत स्टूडेंट्स अब क्षेत्रीय भाषाओं में भी ऑनलाइन कोर्स कर सकेंगे। आठ प्रमुख क्षेत्रीय भाषाओं के अलावे कन्नड़, उड़िया और बंगाली में भी ऑनलाइन कोर्स लॉन्च किए जाएंगे।