साल 2021 के आखिरी दिन बिहार में कोरोना वायरस का जबरदस्त विस्फोट हुआ है और कुल 281 मामले दर्ज किए गए हैं। इसी दिन राजधानी पटना में कुल 281 में से 136 मामले सामने आए।
जानकारी के अनुसार, 28 दिसंबर को बिहार में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA National Conference in Patna) का सालाना कार्यक्रम हुआ था, जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी शिरकत की थी और इसी कार्यक्रम में शामिल होने वाले नालंदा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के 17 डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीते मंगलवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन,IMA के जिस कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन किया था उसमें शामिल 17 डॉक्टर कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री काफी देर तक रुके थे और अपने भाषण में तीसरी लहर के खतरे की ओर इशारा किया था। पॉजिटिव रिपोर्ट वाले सभी डॉक्टर नालंदा मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर हैं। उनकी रिपोर्ट आने के बाद राज्य के स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है।
दरअसल, 28 दिसंबर को बिहार में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का वार्षिक कार्यक्रम हुआ था। इस कार्यक्रम में शामिल होने वाली नालंदा मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के 17 डॉक्टरों में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है। खास बात यह है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी इस कार्यक्रम में शिरकत की थी।
नालंदा मेडिकल कॉलेज की ओर से खुद इसकी पुष्टि की गई है। कॉलेज प्रशासन की ओर से बताया गया कि कार्यक्रम में शामिल होने वाले 17 डॉक्टरों की एंटीजन रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसके बाद सभी डॉक्टरों का आरटी-पीसीआर टेस्ट किया गया है, जिसकी रिपोर्ट आना बाकी है।
चर्चा हो रही है कि मुख्यमंत्री उन डॉक्टर्स के संपर्क में आए थे अथवा नहीं। इसे देखते हुए संक्रमित डॉक्टर की कांटेक्ट ट्रेसिंग की जा रही है। जानकारी के मुताबिक रैपिड एंटीजन टेस्ट में इन्हें पॉजिटिव पाया गया है। आरटी पीसीआर टेस्ट का रिपोर्ट आना अभी बाकी है।
दरअसल बीते सोमवार को पटना के श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल में IMA का 96 वां कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अगले दिन इसमें शामिल हुए थे। सीएम ने कांफ्रेंस में काफी समय बिताया था।
एनएमसीएच के अधीक्षक डॉ विनोद कुमार सिंह ने बताया कि आशंका होने पर कुल 70 डॉक्टर्स के सैंपल लिए गए। उन सभी सैंपल की रैपिड एंटीजन कीट के जरिए जाँच कराई गई। जांच रिपोर्ट में 17 जूनियर डॉक्टर्स पॉजिटिव पाए गए। रिपोर्ट आने के बाद हड़कंप मच गया।
अधीक्षक डॉ विनोद सिंह ने बताया कि सभी पॉजिटिव डॉक्टर्स को उनके हॉस्टल में आइसोलेट कर दिया गया है और उनका प्रॉपर ट्रीटमेंट कराया जा रहा है। उनका आरटीपीसीआर टेस्ट किया जा रहा है। उसकी रिपोर्ट अभी नहीं आई है।
पटना के डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने पॉजिटिव आए लोगों के कांटेक्ट ट्रेसिंग करने का आदेश दिया है। पटना में तेजी से बढ़ रहे संक्रमण को देखते हुए डीएम ने निर्देश दिया है कि पटना में 50% आइसोलेशन और कोर्ट सेंटर को फिर से शुरू किया जाए।
पिछले साल दिसंबर के महीने में 26, 27 और 28 तारीख को एसकेएम में आयोजित इस बैठक का बिहार के करीब 2500 से तीन हजार के बीच डॉक्टर हिस्सा बने। गंभीर विषयों पर चर्चा हुई।
सीएम नीतीश कुमार सहित तमाम मंत्री, अधिकारी इस बैठक में शामिल हुए. बिहार सहित देशभर में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने और अन्य कार्यक्रमों के लिए हुई इस बैठक में हुआ कुछ ऐसा कि बिहार के लिए चिंता का सबब बन गया।
इस बैठक में शामिल हुए एनएमसीएच के 17 डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव पाए (16 doctors of NMCH corona infected) गए हैं। कोरोना के लक्षण मिलने के बाद इनके साथ 75 डॉक्टरों का एक साथ आरटीपीसीआर जांच हुआ, जिसमें ये संक्रमित पाए गए हैं। इधर, पटना एम्स के भी दो डॉक्टर संक्रमित पाए गए हैं।
31 दिसंबर को सामने आए थे 281 मामले
बिहार में साल के आखिरी दिन कोरोना के कई मामले सामने आए थे। राज्य में कुल 281 मामलों की पुष्टि हुई थी, जिसमें अकेले पटना में 136 संक्रमित मिले थे। इसके अलावा 70 मामले गया और 10 मुंगेर में सामने आए थे।
सीएम कर चुके हैं तीसरी लहर की घोषणा
सीएम नीतीश कुमार ने आईएमए के इस कार्यक्रम में ही बिहार में कोरोना की तीसरी लहर की शुरुआत होने की घोषणा की थी। पिछले एक सप्ताह में राज्य में कोरोन के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। फिलहाल, बिहार में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 749 हो गई है।