Bihar Politics | जब-जब आपको लगता है कि बिहार को आप समझ गए हैं, तब-तब बिहार आपको झटका देता है….महारानी 2 का यह डायलॉग सिर्फ एक लाइन मात्र नहीं है, यह नीतीश कुमार के आने और जाने की कई वास्तविकता की दुनिया भर है।
Bihar Politics | एक ऐसी दूर की दूसरी दुनिया जहां बिहार की राजनीति का मिजाज उस सत्ता में आने और सत्ता से जाने का खेल भर अब नहीं रहा
एक ऐसी दूर की दूसरी दुनिया जहां बिहार की राजनीति का मिजाज उस सत्ता में आने और सत्ता से जाने का खेल भर अब नहीं रहा। इससे बहुत दूर, एक नई रंगीयत वाली मापदंड से इतर वाली राजनीति की दौड़ती सांसों के उबड़-खाबड़ से बाहरी परत निकलता धुंध में रास्ता का नहीं दिखाई देना भर है।
Bihar Politics | ‘दाग’ हमेशा अच्छे हों यह जरूरी भी नहीं होते। बिहार का यही अध्याय महारानी 2 के जरिए जब हमारे बीच आया था
बिहार सही मायनों में यहां वोट के लिए रिश्ते टूटते हैं। मगर, वोट के बाद कुर्सी के फेवीकॉल वाले रिश्ते नहीं बन पाते हैं। और ‘दाग’ हमेशा अच्छे हों यह जरूरी भी नहीं होते। बिहार का यही अध्याय महारानी 2 के जरिए जब हमारे बीच आया था, पहले सीजन में घोटाले वाली राजनीति दिखाने वाली महारानी इस बार गुंडाराज, मंडल-कमंडल की राजनीति से रूबरू करवाने आई है। पलट यह है। इस केंद्र में महारानी बाजू में है। महाराजा आगे हैं।
Bihar Politics | जायका, चस्का तो है पर गरम मसाले में मिलावट की आ रही बू, कहीं लजीज में…
फिलहाल, नीतीश के सीएम पद से इस्तीफा देने। नई सरकार के गठन के साथ सत्ता का जायका। उसका चस्का परवान पर है। बीजेपी के सुर में गरम मसाला नदारद है। सिर्फ कॉफी है। फालुदा है। कोल्ड ड्रिक हैं। जो नीतीश के लिए लजीज परोसे जा रहे।
Bihar Politics | जो कलतक साथ था। आज हमलावर है। जो हमलेबाजी में थे, अब पीठ सहला रहे हैं
जो कलतक साथ था। आज हमलावर है। जो हमलेबाजी में थे, अब पीठ सहला रहे हैं।बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज का तल्ख सुर, मिठास भरे हैं। नीतीश आपको इस्तीफा देने की बधाई। धन्यवाद है। ये वही गिरिराज सिंह हैं,जिन्हें नीतीश फूटी आंखों नहीं सुहाते थे। लेकिन धन्यवाद देत रहे।
Bihar Politics | बिहार के लोग क्या वाकई पसोपेश से उबर चुके हैं या उबार बाकी है…
कहते हैं गिरिराज, इस्तीफा देने की उनकी जो भी मजबूरी रही हो लेकिन बिहार के लोग पेसोपेश में थे कि अब क्या होगा। बिहार में पिछले डेढ़ साल में जंगलराज 2 की स्थिति आ गई थी। लोगों को डर था कि कही लालू की सरकार दोबारा ना बन जाए और तेजस्वी की ताजपोशी फिर से ना हो जाए। यदि ऐसा होता तो बड़ी परेशानी हो जाती। लेकिन अब बीजेपी नीतीश के साथ मिलकर बिहार में जंगलराज नहीं आने देगी। मगर, सवाल कई हैं। बिहार के लोग कितने पसोपेश में हैं। दुविधा में हैं। यह वक्त के साए में सांठगांठ कर रहा है।
Bihar Politics | ये चराग अब भी जल रहे हैं
ये चराग अब भी वहीं जल रहे, जहां से नीतीश को हराने का पूरा ताना बाना बुना-चुना-विसात में शामिल हुआ। चिराग पासवान ने स्वंय कहा, फिलहाल मामला यही था कि नीतीश कुमार इस्तीफा दें। वो दे दिया है।
Bihar Politics | नीतिगत विरोध कहीं निर्णायक ना हो जाए…वो नीतीश का पांव छूना…तेजस्वी से गले मिलना याद है…
चिराग पासवान वहीं हैं जो तेजस्वी के बुलावे पर उनके घर पहुंचते हैं। नीतीश का पांव भी छूते हैं। मगर, आज भी यही कह रहे सरकार की क्या रूप रेखा होती है, न्यूनतम साझा कार्यक्रम बनता है, इन तमाम विषयों पर आगे चर्चा होगी। मेरा नीतीश कुमार से नीतिगत विरोध रहा है। उनकी नीतियां नहीं बदलेंगी, तो मेरा विरोध आगे भी रहेगा।
Bihar Politics | जो कलतक साथ था। आज हमलावर है। जो हमलेबाजी में थे, अब पीठ सहला रहे हैं
चिराग ने यह भी कहा कि जरुरी नहीं कि गठबंधन में हर फैसला हम मानें या समर्थन करें। लेकिन जरुरी नहीं कि किसी से विरोध हो तो उसके हर कदम का विरोध करें। चिराग पासवान ने कहा कि नीतीश कुमार को समर्थन देना नहीं देना, आगे देखा जाएगा। हम बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट की मुहिम पर अडिग हैं। मतलब, तेजस्वी की यारी से एतराज हो ऐसा कहां झलकता है। गल-बाहियां तो डाले जा सकते हैं?
Bihar Politics | गठबंधन टूटा तो सही, मगर जुड़ा क्यों यह कौन बताए…किसे समझ में आए
ऐसे में, राजद से गठबंधन क्यों टूटा, यह तो श्रीमान् ने बताया दिया। राजभवन से निकलते ही सार्वजनिक कर दिया। मगर, भाजपा से गठबंधन क्यों किया, इसपर नीतीश कुमार की चुप्पी उस पोस्टर से निकलते एक नायक की है, जो भाजपा से डील वाली सरकार के बनने के साथ सार्वजनिक मोड़ पर है। आखिर डील हुई क्या? खुलासा तो शेष है।
Bihar Politics | आखिर, नीतीश किसके हैं। सबके है। तो फिर ये क्या? आगे क्या? सामने क्या है? होगा क्या?
आखिर, नीतीश किसके हैं। सबके है। तो फिर ये क्या? आगे क्या? सामने क्या है? होगा क्या? राजनीति की घूंट पिएगा कौन? पिलाया किसे जा रहा? समझ कौन रहा? समझाया किसे जा रहा? कारण, 128 विधायकों का समर्थन तो है। मगर, बिहार में एनडीए की इस सरकार के बनते ही सामने जगह-जगह पोस्टर है।
Bihar Politics | उन होर्डिंंग-पोस्टरों का क्या जो रो रहे, तूझे याद ना मेरी आई, किसी से अब क्या कहना
क्या सचमुच बिहार में बहार है और नीतेशे कुमार है। तो फिर उन पोस्टरों, होर्डिंगों का क्या जो रो रहे। जो चीख रहे। तूझे याद ना मेरी आई, किसी से अब क्या कहना कि देश मांगें नीतीश। I.N.D.I.A मांगें NITISH। गठबंधन को अगर जीत चाहिए तो चेहरा नीतीश कुमार चाहिए। जदयू का उस 2023 के कैलेंडर का क्या होगा जहां देश मांगें नीतीश कुमार।
Bihar Politics | अतित वहीं से ताक-झांक में है जहां 2017 की बैठक चल रही है…
अतीत वहीं से ताक-झांक कर रहा जहां वर्तमान खड़ा है। यादें हैं। यादों का क्या। कसमें वादे। प्यार वफा सब। बातें हैं। बातों का क्या। यह तो पॉलिटिक्स है। यहां हालात वहीं हैं जो आज से सन् 2017 में दिखे। आज रविवार की शुरुआत जदयू विधायकों की बैठक से होती है। ठीक उस दौरान भी बैठक हुई। नीतीश कुमार विधायकों को इस्तीफा देने के फैसले की जानकारी देते मिले। फिर राजभवन जाना।
Bihar Politics | वो बीजेपी का तेवर क्या कहना, वो गुस्से का रोना क्या कहना
उधर, बीजेपी विधायकों की बैठक जारी रहती है। इसके बाद बीजेपी विधायक एकजुटता दिखाते नीतीश कुमार के आवास पर पहुंचते हैं। याद है ना आपको, ठीक यूं ही इसी तरह, 2017 में नीतीश ने अपनी पार्टी की विधानमंडल समिति के साथ एक बैठक बुलाई थी। इसके बाद वह राज्यपाल के निवास राजभवन पहुंचे थे। इस्तीफा सौंपा था। सरकार बनीं थी।
Bihar Politics | बिहार की सड़कें फिर निहार रहा है,सब पर बीस हैं नीतीश, मायने अभी से, कयास के कई बूंद
ऐसे में, जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने एक बार फिर साबित कर दिया कि बिहार में बहार है नीतीशे कुमार है। यह पोस्टर बिहार की सड़कों पर देखें गए हैं। वहीं पटना में प्रधानमंत्री मोदी के साथ नीतीश कुमार का पोस्टर लगाया गया है जिसमें लिखा है सब पर बीस नीतीश। इसके साथ ही लिखा है कोटि-कोटि बधाई। हालांकि इस पोस्टर में लिखा है नीतीश सबके हैं। ऐसे में, इस पोस्टर के मायने कई हैं। कयास के बूंदें अभी से टपक रहे। बिल्कुल सियासी ओस की सर्द लिबास में लिपटकर, ताकत के साथ, जहां सबकुछ आज भी खुला है।
Bihar Politics | डील में कई कील…15 महीनें की बगावत और अब ये मशाल…थकान ताजगी में है, मौसम बदलेगा
तय मानिए, डील में कईं कील हैं। नीतीश की शर्त पूरा करने और डिप्टी सीएम के चेहरों के खुलासे, कई संकेत देते मिल रहे। क्या, इस बार नीतीश की शर्तों पर यह गठबंधन हुआ? ऐसा नहीं है। भाजपा ने उन चेहरों को सामने उतारा है, जो पिछले 15 महीनें बगावती तेवर में अलग-अलग सदनों-मंचों पर नीतीश को काउंटर कर रहे थे, उन्हें बीमार, हताश क्या नहीं कहते थक रहे थे। मगर, अचानक यह थकान ताजगी में अगर बदलता है तो मौसम करवट लेगा ही। भले, आंधियों के इरादे नेक ना हों।
Bihar Politics | चिराग…नीतियां नहीं बदलेंगी, मेरा विरोध खड़ा रहेगा
चिराग पासवान ने कहा कि सरकार की क्या रूप रेखा होती है, न्यूनतम साझा कार्यक्रम बनता है, इन तमाम विषयों पर आगे चर्चा होगी। मेरा नीतीश कुमार से नीतिगत विरोध रहा है। उनकी नीतियां नहीं बदलेंगी, तो मेरा विरोध आगे भी रहेगा।
Bihar Politics | चिराग…ये जरूरी तो नहीं, आपका हर फैसला हमें मान्य हो
चिराग ने यह भी कहा कि जरुरी नहीं कि गठबंधन में हर फैसला हम मानें या समर्थन करें। लेकिन जरुरी नहीं कि किसी से विरोध हो तो उसके हर कदम का विरोध करें। चिराग पासवान ने कहा कि नीतीश कुमार को समर्थन देना नहीं देना, आगे देखा जाएगा। हम बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट की मुहिम पर अडिग हैं।
Bihar Politics | उपेंद्र कुशवाहा का साइड लाइन, एक नए धुव्र तारे को बलात जन्मते देखना, शुभ होगा या नहीं
वहीं, उपेंद्र कुशवाहा का साइड लाइन होना। एक नए धुव्र तारे को बलात जन्मते देखना, शुभ होगा या नहीं। उनकी नाराजगी किस कोने में है। दब गई अभी या उभार शेष है। समझना होगा। हम के जीतन राम मांझी और उनके पुत्र की चाहत, वंश में कहां जाकर विस्तार दे पाएगा। फिलहाल जटिल मोड़ पर है। ऐसे में, Bihar Politics का असल चेहरा, बड़ा डरावना है। कारण, जब-जब लगता है कि बिहार को आप समझ गए हैं, तब-तब बिहार आपको झटका देता है….सही है ना…सच मानो तो मनोरंजन ठाकुर के साथ।