बिहार यूपी के सीमावर्ती क्षेत्र से यूपी के आतंकवाद निरोधक दस्ते ने एक गुप्त सूचना के तहत बक्सर (बिहार) के दो युवको को बीती रात यूपी के मडुवाडीह और हापुड़ इलाके से गिरफ्तार किया है।
इन हथियार तस्करों से एक नाइन एमएम के स्टेनगन, 32 बोर की तीन पिस्टल, छह मेगेजिन, पांच मोबाइल फोन एवं चौदह हजार रुपये बरामद किये गये है। गिरफ्तार युवकों से पूछताछ जारी है। अतः यूपी आतंकवाद निरोधी दस्ते के अधिकारी अभी कुछ भी बताने से गुरेज कर रहे हैं।
गिरफ्तार हथियार तस्कर बक्सर जिले के अदौगिक थाना के दलसागर गांव निवासी दिनेश कुमार और बक्सर के ही धनसोई थाने के गोदौरा ग्राम निवासी रितेश पाण्डेय हैं। बक्सर के अलावा हथियार तस्कर अंकित कुमार एवं सत्यम कुमार को भी गिरफ्तार किया गया है। ये दोनों ही तस्कर दिल्ली वजीरपुर के रहने वाले हैं।
गिरफ्तार हथियार तस्करों ने आतंकवाद निरोधी दस्ते के समक्ष यह स्वीकार किया है कि मध्यप्रदेश के कई अलग अलग जगहों से सस्ते दामों पर हथियारों को खरीद कर बिहार, यूपी ,झारखंड और दिल्ली आदि जगहों पर उची कीमतों पर हथियारों को बेचने का काम करते हैं। बिहार के मुंगेर और नेपाल के कुछ जगहों पर इनका नेटवर्क सक्रिय है।
बक्सर जिले के इन हथियार तस्करों की गिरफ्तारी पर बक्सर एसपी नीरज कुमार सिंह ने बताया कि बक्सर की पुलिस ने भी हथियार तस्करों के नेटवर्क को लेकर यूपी पुलिस के परामर्श के बाद हथियार रैकेटो से जुडी कई महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त की है।
घटना के संदर्भ में यूपी आतंकवाद निरोधी दस्ते से जुड़े अधिकारियों ने बताया की कुछ दिनों से अनवरत यह सूचना मिल रही थी कि बिहार (बक्सर )समेत कुछ अन्य जगहों के युवक बड़े पैमाने पर देश के विभिन्न राज्यों में हथियार तस्करी के कामो को अंजाम दे रहे हैं।
हथियार तस्करों ने यह स्वीकार किया है कि बीते 31 जनवरी को बलिया (यूपी ) के दुबाडीह गांव से पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये गये छह हथियार तस्कर हमारे ही नेटवर्क से जुड़े है इसके अलावे 16 फरवरी को बक्सर जिले के नगर थाना क्षेत्र के बुधनपुरवा मुहल्ला निवासी सत्या कुमार भी हमारा ही नेटवर्क साथी है।
बक्सर एसपी ने बताया कि इन तस्करों द्वारा पूछताछ के दौरान बिहार ,यूपी ,दिल्ली समेत देश के अन्य हिस्सों में रहनेवाले खरीददारों के नाम और पता बताए गए हैं, जिसकी सूची बनाई जा रही है जिसपर पुलिस संयुक्त रूप से कारवाई करेगी।
यूपी आतंकवाद निरोधी दस्ते ने इन तस्करों से जब्त मोबाइल को खंगाल रही है। इसमें कई चौकाने वाले तथ्यों का खुलासा हो रहा है। गिरफ्तार तस्करों की राजनीति से जुड़े सफ़ेद पोस लोगों के बीच भी गहरी पैठ है पर इसका खुलासा अभी नहीं हो पाया है।