राजद सुप्रीम और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री तथा देश के पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं। दरअसल, सीबीआई ने लैंड फॉर जॉब घोटाला मामले में लालू यादव के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है। पूरा का पूरा मामला उस वक्त का है जब लालू यादव रेल मंत्री थे।
जय बाबा केदार..!
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इससे अब लालू प्रसाद को सिंगापुर इलाज कराने के लिए जाने में अड़चन आ सकती है। किडनी के इलाज के लिए सिंगापुर जाने की तैयारी कर रहे लालू प्रसाद यादव समेत उनकी पत्नी राबड़ी देवी, मीसा भारती, हेमा यादव समेत अन्य लोगों के भी नाम हैं। हाल में ही इस मामले को लेकर लालू के कई करीबियों के यहां छापेमारी भी की गई थी। कुल 14 लोगों के खिलाफ सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल किया है। सीबीआई ने लालू यादव पर रेल मंत्री रहते नौकरी देने के नाम पर लोगों से जमीन लिखवाने का आऱोप लगाया है।
सीबीआई ने अपने चार्जशीट में कहा है कि लालू यादव रेल मंत्री रहते हुए नौकरी बांटने के लिए पूरा रैकेट चला रहे थे. इस घोटाले में जमीन के साथ साथ कैश की भी डीलिंग की गयी. अगर कोई नौकरी के लिए जमीन नहीं दे सकता था तो उससे 7 लाख रूपये कैश लिये गये. अगर कोई परिवार से दो लोगों को नौकरी चाहिये होती थी तो उसे या तो जमीन के दो प्लॉट या फिर 14 लाख रूपये कैश देने होते थे।
जानकारी के अनुसार,लालू यादव मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार-1 के दौरान रेल मंत्री थे। इस मामले में सीबीआई ने 18 मई 2022 को एफआईआर दर्ज की थी। लालू यादव के अलावा इसमें उनकी पत्नी राबड़ी देवी, मीसा भारती, हेमा यादव समेत अन्य लोगों के भी नाम है। हाल में ही इस मामले को लेकर लालू के कई करीबियों के यहां छापेमारी भी की गई थी।
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि लालू प्रसाद यादव ने रेल मंत्री रहते रेबड़ी की तरह सरकारी नौकरी बांटी. बदले में कई लोगों से अपने परिजनों के नाम संपत्ति लिखवा ली. सीबीआई के मुताबिक रेलवे भर्ती घोटाला साल 2004 से 2009 के बीच के समय का है। लालू यादव पर आरोप है कि जब वह रेल मंत्री थे तो उन्होंने नौकरी लगवाने के बदले जमीन और प्लॉट लिए थे।
इस मामले में लालू यादव के बेहद करीबी रहे भोला यादव को सीबीआई ने पहले ही गिरफ्तार किया था। लालू यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान भोला यादव उनके ओएसडी थे। कुल मिलाकर देखें तो हाल के दिनों में लालू यादव भाजपा पर जबरदस्त तरीके से आक्रामक हैं। ऐसे में इस चार्जशीट के बाद से उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
सीबीआई के मुताबिक नौकरी बांटने के लिए तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के घर पर पूरा एक ऑफिस काम करता था. इसे ट्रेंड लोग चलाते थे. जो नौकरी के लिए जमीन या पैसे देते थे उन्हें सर्टिफिकेट से लेकर दूसरे कागजात तैयार करने में पूरी मदद की जाती थी. फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर भी कई लोगों को नौकरी दी गयी. सीबीआई को ऐसे कई फर्जी कागजात मिले हैं।