मधवापुर/मधुबनी, देशज टाइम्स। महापर्व छठ के दौरान अस्तचलगामी व उदीयमान सूर्य को आस्था का अर्घ्य अर्पित करने को लेकर भारत नेपाल सीमा पर स्थित ऐतिहासिक भारत नेपाल मैत्री छठ घाट पर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। यहां घाट पर चारों ओर से भव्य आकर्षक पंडाल निर्मित किया (Chhath of faith connecting friendship between India and Nepal, Madhubani to Nepal tied the rope) गया है।
वहीं धौंस नदी में इसबार जल का स्तर बिल्कुल नहीं के बराबर है। इसको देखते हुए नदी में बांध बनाकर अन्यत्र बोरवेल से लाकर नदी में पानी डालकर छठ के लिए जलस्तर बनाया गया है। साथ ही नदी में जल लगाकर पानी को साफ कर चूना का छिड़काव किया गया है।
बता दें कि यहां नेपाल के धनुषा जिले के तुलसियाही व महोत्तरी जिले के मटिहानी सहित भारत के मधुबनी जिले के मधवापुर के छठ व्रती व श्रद्धालु एकसाथ अर्घ्य अर्पित करते हैं। इसको लेकर मटिहानी नगरपालिका प्रशासन के अलावा तीनों तरफ से स्वयंसेवियों व कार्यकर्ताओं का झुंड पूरे दम खम से जुटा हुआ है। श्रद्धालुओं के लिए पेयजल, शौचालय आदि व्यवस्थाएं की गई है।
हिमालय की गोद से प्रस्फुटित पवित्र धौंस नदी की गोद में लगभग पांच से छह किलोमीटर तक नदी के दोनों ओर भारत व नेपाल के घाट बने हैं। जहां दोनों तरफ से हजारों छठ व्रती व श्रद्धालु बेटी रोटी के संबंधों को मजबूत करते हुए सूर्य भगवान को आस्था का अर्घ्य देते हैं। यह अनुपम दृश्य महापर्व को अनुपम बना देता है।
साथ ही स्थानीय परंपरा के अनुरूप यहां घाट पर सैकड़ों व्रती एक साथ सामूहिक रूप से कथा सुनी जाती है। सायंकाल के अर्घ्य के समय और देर शाम में यहां घाट पर और भारत नेपाल मैत्री पुल पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। जिन्हें संभालने के लिए भारी संख्या में दोनों देशों के स्वयंसेवी के अलावा सुरक्षाकर्मियों की यहां तैनाती रहेगी।
मटिहानी नगरपालिका के मेयर हरि प्रसाद मंडल ने बताया कि यहां का छठ घाट भारत नेपाल के मजबूत संबंधों का परिचायक है। इस जगह को ऐतिहासिक बनाने में मीडियाकर्मियों का अहम योगदान रहा है। जिसके परिणाम स्वरूप यहां की छठ की झलकियां पाने को भारत नेपाल के हजारों श्रद्धालु पहुंचते हैं। इस स्थल पर तमाम श्रद्धालुओं का हार्दिक अभिनंदन है।