बिहार न्यूज़ डेस्क इस साल गंगा बाया नदी में तीसरी बार कार्तिक माह में उफान आ जाने से चमथा दियारे के हजारों हेक्टेयर खेतों में रबी खेती करने पर संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है. पिछले एक सप्ताह के भीतर चमथा दियारे के निचले इलाके में गंगा बाया नदी का पानी पूरी तरह फैल चुका है. दियारे के करीब 10 हजार हेक्टेयर से अधिक खेतों में एक बार फिर नाव चलने लगी है.
किसानों ने बताया कि उनके लिए कार्तिक का महीना रबी खेती के लिए ताक का समय माना जाता है. इस माह दिन-रात खेतों की जोताई व रबी फसलों की बुवाई करने में किसान जुटे रहते हैं. खासकर दियारे के खेतों में आलू रोप, सरसों की बुवाई व मक्का टोभने का यही समय होता है. पिछले माह दियारे के खेतों से बाढ़ का पानी पूरी तरह निकल चुका था. किसान रबी खेती की तैयारी में जुटे थे. सैकड़ों एकड़ खेतों की जोत भी की जा चुकी थी.
किसानों ने कहा कि वे आलू रोपने की तैयारी में लगे थे. इसी बीच एक सप्ताह पूर्व अचानक गंगा बाया नदी में तीसरी बार उफान आ जाने से सब कुछ चौपट हो गया है. अभी गंगा बाया नदी में पानी और बढ़ ही रहा है. अगर यही हालत रही तो इस बार दियारे के खेतों में रबी फसलों की खेती करने से वे पूरी तरह वंचित रह जाएंगे. कई किसानों ने बताया कि वर्ष 1970 में इसी तरह एक बार गंगा बाया नदी में आई उफान से दियारे के खेतों में रबी मक्का की फसल डूब गई थी.
करीब 52 साल बाद एक बार फिर चमथा दियारे में भयावह हालात उत्पन्न हो रही है. किसानों ने कहा कि इस साल बाढ़ के कारण उनकी खरीफ फसलें शत-प्रतिशत मारी गई. उन्हें अब तक खरीफ फसलों की हुई क्षति का मुआवजा भी नहीं मिल सका है. अब खेतों में जलजमाव के कारण रबी फसलों की खेती करने पर भी आफत की स्थिति उत्पन्न हो गई है.
बेगूसराय न्यूज़ डेस्क
Share this story
#Begusarai #करतक #मह #म #गग #म #उफन #रब #पर #सकट #चमथ #दयर #क #पच #पचयत #क #हजर #हकटयर #खत #म #फल #गग #बय #नद #क #पन