सिपाही भर्ती पेपर लीक में एसएसबी का जवान सॉल्वर गैंग का मेंबर निकला है। वहीं, कई पुलिसकर्मी भी रडार पर हैं।
वहीं, आरोपितों से पूछताछ में गिरोह के दो सदस्यों दुल्हिन बाजार से रमेश कुमार उर्फ अनुराग एवं मनेर से बिहटा के आनंदपुर निवासी अजय कुमार उर्फ दीपक का नाम सामने आया था। दानापुर पुलिस टीम ने दोनों को दबोच लिया।
बिहार पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा में पेपर लीक मामले में जांच के लिए एक टीम का गठन किया गया है। यह टीम लगातार जांच में जुटी हुई है। गिरफ्तार आरोपी पुलिस विभाग से बताए जा रहे है।
अब ऐसा मालूम पड़ता है कि मुख्य आरोपी भी विभाग से हो। हालांकि मुख्य आरोपी की पहचान नहीं हो पाई है। लेकिन लीक पेपर मामले में गिरफ्तार आरोपियों की पहचान पुलिस विभाग से ही हो रही है।
पेपर लिक मामले में पहले भी कई आरोपियों की पहचान हुई है। वहीं दानापुर से पुलिस ने एक एसएसबी जवान समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से बड़ी मात्रा में मोबाइल फोन समेत कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद किए गए है।
वहीं उनके मोबाइल फोन को पुलिस खंगाल रही है। इस मामले को लेकर थानाध्यक्ष सम्राट दीपक ने बताया कि सिपाही भर्ती पेपर लीक मामले में गुप्त सूचना पर बीएस कॉलेज के छात्रावास से 30 सितंबर की रात सिंगोड़ी के दोखारा निवासी रंधीर कुमार को गिरफ्तार किया गया था।
रंधीर दुल्हिनबाजार निवासी रमेश कुमार उर्फ अनुराग के नाम पर बीएस कॉलेज के छात्रावास में रह रहा था। वह स्कॉलर को परीक्षा में बैठाता है। उसके पास से इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस व प्रमाणपत्र इत्यादि बरामद हुए थे।
वहीं पुलिस जांच में पांच अन्य पुलिसकर्मिओं पुलिस की रडार पर है। छानबीन के बाद गोलापर निवासी अभिमन्यु कुमार को गिरफ्तार किया गया था।
आरोपितों से पूछताछ में गिरोह के दो सदस्यों दुल्हिन बाजार से रमेश कुमार उर्फ अनुराग एवं मनेर से बिहटा के आनंदपुर निवासी अजय कुमार उर्फ दीपक का नाम सामने आया था। दानापुर पुलिस टीम ने सोमवार रात छापेमारी कर दोनों को धर दबोचा। जवान अजय कुमार स्कॉलर है। वहीं पुलिस इस मामले में पुलिस अन्य की तलाश कर रही है।
सिपाही बहाली प्रश्न पत्र लीक मामले में हो रही जांच में एक नयी जानकारी सामने आयी है। परिवहन शाखा में तैनात कांस्टेबल जीतेंद्र कुमार को पुलिस ने पूछताछ के लिए लाया है। इसके मोबाइल फोन पर भी आंसर आया था। पुलिस ने उसके मोबाइल को जब्त कर लिया है और उसकी भूमिका की जांच कर रही है। जीतेंद्र के मोबाइल फोन पर एक अक्तूबर की परीक्षा का आंसर पहले ही आ गया था। इसके बाद इसने कई अभ्यर्थियों को वह आंसर भेजा था, जिसके कारण जीतेंद्र भी संदेह के घेरे में आ गया है।
सूत्रों का कहना है शाहपुर थाना क्षेत्र से गिरफ्तार फिजिकल ट्रेनर उसनाथ कुमार उर्फ प्रकाश कुमार व रेलकर्मी सुधीर कुमार से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस के समक्ष जीतेंद्र का नाम सामने आया।
जहां केस दर्ज, वहां के पदाधिकारी होंगे आइओ
सिपाही बहाली लिखित परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक मामले में दर्ज 74 केसों का अनुसंधान जल्द पूरा किये जाने को लेकर बिहार पुलिस ने नया फॉर्मूला तैयार किया है। जिन थानों में केस दर्ज हुए हैं, उनके तेज-तर्रार पदाधिकारियों को अनुसंधान पूरा होने तक इओयू में आइओ बना कर प्रतिनियुक्त किया जायेगा। ये सीधे सेंट्रल एसआइटी को रिपोर्ट करेंगे।
इओयू के एडीजी नैय्यर हसनैन खान ने बताया कि प्रस्ताव पर पुलिस मुख्यालय की मंजूरी मिलते ही काम शुरू हो जायेगा। सेंट्रल एसआइटी थानों में दर्ज केसों की समीक्षा कर रही है, जो भी फाइंडिंग आयेगी। उसके आधार पर जिला पुलिस छापेमारी करेगी।
हिरासत में लिये गये 150 से अधिक संदिग्धों में अंतिम रूप से गिरफ्तार 82 लोगों को जेल भेजा गया है। अब तक सरकारी कर्मियों में पटना और नालंदा के एक-एक सहित दो सिपाहियों की पेपर लीक में भूमिका मिली है। इधर, केंद्रीय चयन पर्षद द्वारा तैयार किये गये ”प्लान ऑफ एक्शन” के संबंध में भी जानकारी मांगी गयी है। परीक्षा लेने की पूरी प्रक्रिया के संबंध में उनसे ब्योरा लिया जा रहा है।