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13 अगस्त, 2024
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Darbhanga के 21 स्कूलों में अब भी नहीं पहुंचे प्रधान शिक्षक, 8 ने नहीं ली नियुक्ति पत्र, 13 ने जॉइनिंग से किया ‘ इंकार ‘, पढ़िए

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मनोज कुमार झा, अलीनगर, दरभंगा | जिले के अलीनगर प्रखंड क्षेत्र के 52 प्राथमिक विद्यालयों में लंबे समय से प्रधान शिक्षक (Head Teacher) की कमी बनी हुई थी। हाल ही में बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) द्वारा आयोजित परीक्षा के बाद सफल अभ्यर्थियों को पूरे जिले के प्रधान शिक्षक विहीन विद्यालयों में नियुक्ति हेतु पत्र जारी किया गया।

अलीनगर प्रखंड में 52 विद्यालय ऐसे चिन्हित हुए, जहां पहले कोई प्रधान शिक्षक कार्यरत नहीं थे। इन विद्यालयों के लिए जिला शिक्षा विभाग ने नियुक्ति आदेश भेजे।

केवल 31 प्रधान शिक्षकों ने लिया योगदान

नियुक्ति आदेश मिलने के बावजूद समय सीमा समाप्त होने तक केवल 31 प्रधान शिक्षक ही अपने-अपने विद्यालयों में योगदान दे पाए।

  • 21 विद्यालय अब भी प्रधान शिक्षक से वंचित हैं।

  • इनमें से 8 प्रधान शिक्षक ने तो नियुक्ति पत्र प्रखंड शिक्षा कार्यालय से रिसीव ही नहीं किया

  • जबकि 13 प्रधान शिक्षक ने पत्र तो ले लिया, लेकिन उपयुक्त विद्यालय न मिलने के कारण योगदान नहीं दिया।

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स्थानीय शिक्षकों पर संचालन की जिम्मेदारी

इन 21 विद्यालयों में स्थानीय शिक्षक ही प्रभारी प्रधानाध्यापक (Acting Head Teacher) के रूप में कार्य कर रहे हैं। लेकिन स्थानीय होने के कारण कई शिक्षक प्रशासनिक जिम्मेदारी और शैक्षणिक गुणवत्ता पर उतना ध्यान नहीं दे पा रहे।

इसका असर स्पष्ट रूप से दिख रहा है—

  • मध्याह्न भोजन योजना (MDM) के संचालन में गड़बड़ी।

  • बच्चों के पठन-पाठन की गुणवत्ता में गिरावट।

  • विद्यालय प्रबंधन में अनुशासन और कार्यकुशलता की कमी।

बच्चों की पढ़ाई और MDM पर असर

शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि प्रधान शिक्षक की अनुपस्थिति में विद्यालयों का शैक्षणिक वातावरण प्रभावित होता है।
प्रधान शिक्षक न केवल पढ़ाई की निगरानी करते हैं, बल्कि MDM, उपस्थिति, स्कूल रखरखाव और शिक्षकों के बीच समन्वय की जिम्मेदारी भी निभाते हैं।

बिना प्रधान शिक्षक के—

  • MDM समय पर और गुणवत्तापूर्ण तरीके से नहीं बन पाता।

  • शिक्षकों की उपस्थिति में लापरवाही देखने को मिलती है।

  • विद्यालय विकास योजनाएं समय पर लागू नहीं हो पातीं।

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सरकार से त्वरित कार्रवाई की मांग

स्थानीय लोगों और शिक्षा से जुड़े लोगों ने बिहार सरकार से मांग की है कि—

  • प्रधान शिक्षक विहीन विद्यालयों में शीघ्र स्थायी नियुक्ति की जाए।

  • नियुक्ति पत्र न लेने वाले और योगदान न देने वाले शिक्षकों पर कठोर कार्रवाई हो।

  • विद्यालय संचालन को पटरी पर लाने के लिए विशेष निगरानी दल भेजा जाए।

BEO ने दिया बयान

इस संबंध में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी (BEO) राम कुमार ठाकुर ने बताया—

“प्रधान शिक्षक की योगदान नहीं लेने से खाली रहे विद्यालयों की सूची जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO), दरभंगा को भेज दी गई है। वहां से जो भी आदेश मिलेगा, उसके अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।”

समस्या की जड़ और समाधान

शिक्षा नीति विशेषज्ञों के अनुसार इस समस्या के पीछे कई कारण हैं—

  1. विद्यालय का स्थान – कई विद्यालय दूरस्थ और असुविधाजनक जगहों पर हैं।

  2. आवास व परिवहन सुविधा – ग्रामीण क्षेत्रों में प्रधान शिक्षकों के लिए आवास या उचित परिवहन सुविधा की कमी।

  3. स्थानीय दबाव – कुछ प्रधान शिक्षक अपने पसंदीदा विद्यालय में ही नियुक्ति चाहते हैं।

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संभावित समाधान

  • प्रधान शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया में स्थान व सुविधा को ध्यान में रखना

  • दूरस्थ विद्यालयों के लिए विशेष भत्ता (Rural Allowance) देना।

  • विद्यालय संचालन पर ऑनलाइन निगरानी प्रणाली लागू करना।

हर बच्चे तक पहुंचे Right to Education

प्रधान शिक्षक किसी भी विद्यालय की शैक्षणिक गुणवत्ता और प्रशासनिक व्यवस्था की रीढ़ होते हैं। अलीनगर प्रखंड के 21 विद्यालयों में इस पद के रिक्त रहने से बच्चों की शिक्षा पर गंभीर असर पड़ रहा है। सरकार, शिक्षा विभाग और संबंधित अधिकारियों को चाहिए कि इस समस्या का त्वरित समाधान निकाले, ताकि शिक्षा का अधिकार (Right to Education) वास्तव में हर बच्चे तक पहुंचे।

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