सतीश झा। गंगा नदी तंत्र पुनर्स्थापन: दरभंगा में कमला नदी पर 3.50 लाख अंगुलिकाओं का संचयन (Ganga River Restoration: Stocking of 3.50 Lakh Fingerlings in Kamla River, Darbhanga)|
नदी पुनर्स्थापन कार्यक्रम का शुभारंभ
(Beginning of River Ranching Program)
दरभंगा जिले के बेनीपुर अंचल स्थित कमला नदी के त्रिमुहानी घाट पर 3.50 लाख अंगुलिकाओं (fingerlings) का संचयन कर गंगा नदी तंत्र में नदी पुनर्स्थापन कार्यक्रम की शुरुआत की गई। इस कार्यक्रम में स्थानीय जनप्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारियों और आम जनता ने भाग लिया।
उद्घाटन के दौरान अनुमंडल पदाधिकारी शंभू नाथ झा, उप मत्स्य निदेशक (राज्य), मत्स्य निदेशालय पटना, जिला मत्स्य पदाधिकारी अनुपम कुमार और अन्य अधिकारियों ने नदी पुनर्स्थापन की महत्ता पर प्रकाश डाला।
नदी पारिस्थितिकी तंत्र पर मानव क्रियाओं का प्रभाव
(Impact of Human Activities on River Ecosystem)
कार्यक्रम में बताया गया कि बढ़ते प्रदूषण, बाहरीकरण और मानव गतिविधियों के कारण नदियों में जल जीवों की संख्या तेजी से घट रही है।
- मछलियों की घटती संख्या से जलीय पारिस्थितिकी तंत्र और जैव विविधता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
- यह स्थिति मानव समुदाय के आजीविका संसाधनों को भी प्रभावित कर रही है।
रिवर रैचिंग: उद्देश्य और योजना
(River Ranching: Objectives and Implementation)
नदी पुनर्स्थापन (River Ranching) कार्यक्रम का उद्देश्य:
- विलुप्त हो रही मछली प्रजातियों का संरक्षण।
- जल संसाधनों की गुणवत्ता में सुधार।
- मत्स्य उत्पादन में वृद्धि।
- मछुआरों को आजीविका के अतिरिक्त साधन प्रदान करना।
राज्य सरकार के अनुसार, यह एक दीर्घकालिक योजना है, जिसके प्रभाव 8-10 वर्षों में मछली उत्पादन पर दिखेंगे।
चिन्हित नदियां और संचयन लक्ष्य
(Identified Rivers and Stocking Targets)
2024-25 में दरभंगा की करेह और कमला नदी में अंगुलिकाओं का संचयन किया जाएगा।
- करेह नदी: 3.80 लाख अंगुलिकाओं का लक्ष्य।
- कमला नदी: 3.80 लाख अंगुलिकाओं का लक्ष्य।
त्रिमुहानी घाट पर 3.50 लाख अंगुलिकाओं का संचयन कर इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
दीर्घकालीन लाभ
(Long-Term Benefits)
- नदियों की उत्पादकता में वृद्धि होगी।
- जल प्रदूषण में कमी आएगी।
- मत्स्यजीवी समुदाय को आर्थिक संबल मिलेगा।
- नदी जल की गुणवत्ता में सुधार होगा।
उपस्थित अधिकारी और कार्यक्रम का संचालन
(Officials and Program Management)
इस अवसर पर:
- अनुमंडल पदाधिकारी शंभू नाथ झा,
- उप मत्स्य निदेशक दरभंगा परिक्षेत्र,
- जिला मत्स्य पदाधिकारी अनुपम कुमार,
- मत्स्य विकास एवं प्रसार पदाधिकारी,
- कार्यालय कर्मी एवं स्थानीय मछुआरा समुदाय मौजूद रहे।
नदी पुनर्स्थापन कार्यक्रम न केवल जलीय पारिस्थितिकी को सशक्त करेगा बल्कि दरभंगा और मिथिला क्षेत्र के विकास में भी मील का पत्थर साबित होगा।