कृषि विज्ञान केंद्र जाले के प्रशिक्षण भवन में आयोजित कार्यक्रम को कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष डॉ. दिव्यांशु शेखर ने समापन में प्रशिक्षणार्थियों किसानों को सब्जी एवं फलों की खेती से जुड़ी विभिन्न समस्याओं सब्जियों में रोग किट ब्याधी या सब्जियों का कम उपज इत्यादि विषय पर उनके समस्या को जानकर उनके वैज्ञानिक तरीके से निदान की बातें बताया।
विज्ञानी डॉ. दिव्यांशु ने कार्यक्रम का मूल्य उद्देश्य के संदर्भ में बताते हुए कहा कि ग्रामीण स्तर पर सब्जियो की संरक्षित खेती के माध्यम से युवाओं को स्वरोजगार को बढ़ावा देना है। उन्होंने प्रशिक्षनार्थियो को अपने संबोधन में कहा कि आप युवा किसान संरक्षित खेती को अपना कर सब्जियों को वे मौसम समय में उत्पादन कर उसे बाजार में बेचकर अच्छी आय प्राप्त कर सकते हैं।
किसानों के सब्जी के बाजार से जुड़ी समस्याओं के निदान के उपाय भी बताएं। प्रशिक्षण कार्यक्रम की संयोजक डॉ. अंजली सुधाकर कृषि अभियंत्रिकी ने बताया कि इस प्रशिक्षण के दौरान बहादुरपुर सिंहवाड़ा एवं जाले प्रखंड से आए 50 प्रशिक्षणार्थियों को सब्जी की वैज्ञानिक खेती से जुड़े विभिन्न तकनीकों के बारे में प्रशिक्षित किया गया।
इसमे मल्चिंग का प्रयोग, नेट हाउस पॉलीहाउस के अंदर सब्जियों की खेती, कम लागत वाले पॉलीटनल के अंदर नर्सरी तैयार करने की विधि बताई गई।
उन्होंने संरक्षित खेती से जुड़े राज्य एवं केंद्र सरकार की ओर से दिए जा रहे अनुदानों के बारे में भी प्रशिक्षणार्थियों को अवगत कराया, जिससे कि किसान इन अनुदानों का लाभ ले सके।
कार्यक्रम का समापन मुख्य अतिथि डॉ. एसके राय की ओर से प्रमाण पत्र वितरण के साथ किया गया। समापन के दौरान कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. गौतम कुणाल, डॉ. जगपाल, पूजा कुमारी एवं अन्य सहकर्मी मौजूद थे।