मनोज कुमार झा, अलीनगर, दरभंगा | प्रखंड के विभिन्न विद्यालयों में कार्यरत 69 प्रखंड शिक्षक पिछले 19 महीनों से वेतन न मिलने के कारण गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। इसके बावजूद, अधिकांश शिक्षक अब भी कर्तव्य निर्वहन कर रहे हैं।
क्या है पूरा मामला?
वर्ष 2008 में बिहार में शिक्षक नियोजन के तहत राज्यभर में शिक्षक बहाली की प्रक्रिया शुरू हुई।
अलीनगर प्रखंड के लिए 69 शिक्षक पद स्वीकृत किए गए।
राजनीतिक दांव-पेच और प्रशासनिक देरी के चलते समय पर नियुक्ति नहीं हो पाई।
अंततः वर्ष 2013 में प्रखंड नियोजन इकाई द्वारा इन पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति की गई।
कहां और कब हुई कानूनी विवाद की शुरुआत?
नियुक्ति प्रक्रिया शुरू से ही विवादों में रही।
2015 में पूर्व प्रखंड प्रमुख शकील अहमद ने पटना उच्च न्यायालय में कांड संख्या 4066/2015 दायर किया।
याचिका में 69 शिक्षक और बिहार सरकार दोनों को प्रतिवादी बनाया गया।
मुख्य आरोप: नियोजन प्रक्रिया में अनियमितता और शिक्षकों की सेवा समाप्त करने की मांग।
वेतन बंद करने का न्यायालय आदेश
जनवरी 2024 में उच्च न्यायालय ने सुनवाई के बाद आदेश जारी किया:
शिक्षकों का वेतन भुगतान रोक दिया जाए
न तो सेवा समाप्ति की कार्रवाई की गई
न ही वेतन पुनः जारी करने का निर्देश मिला
इस आदेश के बाद प्रखंड शिक्षा विभाग ने वेतन भुगतान रोक दिया, जिससे शिक्षकों की आजीविका प्रभावित हो गई।
19 महीने से जारी आर्थिक संकट
लगातार 19 महीने से वेतन न मिलने के कारण:
कई शिक्षकों ने नौकरी छोड़ दी
कुछ शिक्षकों की मृत्यु हो चुकी है
अधिकांश शिक्षक अब भी बिना वेतन कक्षाओं में पढ़ा रहे हैं
परिवारों पर भारी आर्थिक बोझ बढ़ गया है
शिक्षकों के अनुसार, न्यायालय के आदेश के कारण वे न तो सक्षमता परीक्षा दे पा रहे हैं, न ही अन्य रोजगार खोज पा रहे हैं।
बीईओ रामकुमार ठाकुर ने बताया:
“न्यायालय में मामला लंबित रहने के कारण वेतन भुगतान रुका हुआ है। जब तक अदालत से आदेश नहीं आता, तब तक विभाग कुछ नहीं कर सकता।”
नौकरी है, तनख्वाह नहीं— कब लगेगा संघर्ष कर पूर्णविराम?
अलीनगर प्रखंड के 69 शिक्षक लगभग दो वर्षों से वेतन से वंचित हैं। यह मामला शिक्षक अधिकार, न्यायालय की प्रक्रिया और शिक्षा व्यवस्था में प्रशासनिक चुनौतियों को उजागर करता है। अब यह देखना होगा कि बिहार सरकार और न्यायालय कब इन शिक्षकों को राहत प्रदान करते हैं।