दरभंगा के बाद सबसे बड़ा मार्केट, फिर भी बिरौल उपेक्षित क्यों? आठ साल बीत गए मगर आज तक घोषणाओं के सहारे क्यों जिंदा रहे बिरौल यह सवाल अब चुनावी मौसम में गूंजने लगे हैं। समाजसेवी शशिभूषण महतो ने की सरकार से मांग — अब बिरौल को मिलना चाहिए परिषद का दर्जा और जाम से मुक्ति। मगर कैसे?
सालों से इंतजार, मगर ‘VIP’ क्षेत्र बिरौल का सुपौल बाजार विकास से वंचित!
बिरौल को आज तक परिषद का दर्जा जो नहीं मिला? कौन दिलाएगा? सभी राजनीतिक पार्टियां अपने एजेंडे के साथ लगातार बैठकों का दौर करने में मग्न है। लेकिन, बिरौल जिसको परिषद का दर्जा मिलना था, आखिर बिरौल को कब मिलेगा न्याय?