दरभंगा। खेल विभाग एवं बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के संयुक्त तत्वावधान में तथा जिला प्रशासन दरभंगा के सौजन्य से आयोजित जिला स्तरीय विद्यालय खेल प्रतियोगिता के तीसरे दिन लहेरियासराय स्थित पोलो मैदान खिलाड़ियों के उत्साह से गूंज उठा। दिनभर चले मुकाबलों में खिलाड़ियों ने अनुशासन, जोश और टीम भावना का शानदार प्रदर्शन किया।
रोमांचक मुकाबले में दिखा खेल कौशल
तीसरे दिन बॉक्सिंग, बास्केटबॉल, वुशु, वॉलीबॉल और फुटबॉल के मैच खेले गए। खिलाड़ियों के प्रदर्शन और दर्शकों के उत्साह से मैदान में ऊर्जा का माहौल बना रहा।
वॉलीबॉल (बालिका वर्ग अंडर-14): भालपट्टी विजेता, बिरला ओपन माइंड्स उपविजेता
अंडर-17 बालिका वर्ग: भालपट्टी विजेता, जीडी गोयंका पब्लिक स्कूल उपविजेता
अंडर-19 बालिका वर्ग: भालपट्टी टीम विजेता रही
बालक वर्ग अंडर-14: बिरला ओपन माइंड्स विजेता, महात्मा गांधी शिक्षण संस्थान उपविजेता
बालक वर्ग अंडर-17: भालपट्टी विजेता, सिंहवाड़ा उपविजेता
बालक वर्ग अंडर-19: कटक विजेता, बौराम उपविजेता
खेल के साथ लोकतंत्र का संदेश
कार्यक्रम के दौरान जिला खेल पदाधिकारी परिमल ने खिलाड़ियों को मतदान के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा —
“लोकतंत्र में मतदान सबसे बड़ा अधिकार और जिम्मेदारी है। आज के खिलाड़ी कल के जागरूक नागरिक हैं।”
सभी बच्चों को संकल्प दिलाया गया कि वे भविष्य में मतदान अवश्य करेंगे, जिससे समाज में लोकतांत्रिक चेतना और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना विकसित हो।
‘खेल केवल प्रतियोगिता नहीं, जीवन का पाठ है’
परिमल ने कहा,
“खेल केवल प्रतिस्पर्धा नहीं, बल्कि अनुशासन, आत्मविश्वास और टीम भावना का प्रतीक है। ऐसी प्रतियोगिताएँ बच्चों के सर्वांगीण विकास की नींव हैं।”
उन्होंने बताया कि चौथे दिन बालक वर्ग में कुश्ती, जबकि अंडर-14, 17 और 19 श्रेणी में भारतोलन, योगा, खो-खो और बालिका वर्ग में एथलेटिक्स के मुकाबले होंगे।
प्रमंडल स्तरीय प्रतियोगिता 16 से 18 अक्टूबर तक आयोजित की जाएगी, जिसमें जिले के चयनित खिलाड़ी भाग लेंगे।
आयोजन में दिखा बेहतरीन समन्वय
प्रतियोगिता को सफल बनाने में कुमार अनुराग, कंचन कुमारी, ज्योति कुमारी, सुप्रभा, जीनत आरा सहित कई सहयोगियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
खेल संचालन में आशीष कुमार, मिथिलेश कुमार, यशपाल कुमार, ब्रजेश सिंह राठौर, अरुण ठाकुर, साकेत कुमार समेत निर्णायकगण उपस्थित रहे।
मंच संचालन रविंद्र कुमार सिंह और केशव चौधरी ने किया। खिलाड़ियों की सुरक्षा के लिए मेडिकल टीम पूरे दिन तैनात रही।
खेल और चेतना का संगम
दिनभर के मुकाबले प्रतिस्पर्धात्मक और प्रेरणादायक रहे। खिलाड़ियों के समर्पण, निर्णायकों की निष्पक्षता और प्रशासन की सक्रियता ने आयोजन को सफल बनाया।
खेल और लोकतंत्र के संदेश को जोड़कर इस कार्यक्रम ने दरभंगा में नई चेतना जगाई — “खेलो भी, सोचो भी।”