
सिंहवाड़ा, दरभंगा | प्रखंड अंतर्गत भरहुल्ली पंचायत में भवन निर्माण विभाग द्वारा करीब दो करोड़ 94 लाख रुपये की लागत से पंचायत सरकार भवन का निर्माण कराया जा रहा है। लेकिन इस कार्य में भारी अनियमितताओं के आरोप सामने आए हैं।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि ढलाई कार्य में खुलेआम घटिया सीमेंट, बालू और गिट्टी का प्रयोग किया जा रहा है। मानक गुणवत्ता की अनदेखी करते हुए जब छत की ढलाई शुरू हुई तो ग्रामीणों ने मौके पर विरोध दर्ज कराया और काम पर रोक लगा दी।
छत की ढलाई के दौरान शटरिंग गिरी
शनिवार को जैसे ही छत की ढलाई शुरू हुई, कंक्रीट डालते ही शटरिंग का एक हिस्सा टूटकर गिर गया। इससे ढलाई का सारा मसाला बर्बाद हो गया। यह देख ग्रामीणों का गुस्सा और भड़क गया।
सैकड़ों ग्रामीण मौके पर जमा हो गए और काम को पूरी तरह रुकवा दिया। इस दौरान संवेदक (Contractor) के मुंशी और ग्रामीणों के बीच तीखी बहस भी हुई।
ग्रामीणों का आरोप: घटिया सामग्री का इस्तेमाल
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पिलर और प्लिंथ की ढलाई में भी इसी तरह की अनियमितताएं की गई थीं।
पिलर में निम्न स्तर का कंक्रीट डाला गया।
वाइब्रेटर मशीन का प्रयोग नहीं किया गया, जिससे पिलर का मसाला झड़ गया।
जेई (जूनियर इंजीनियर) को शिकायत करने पर पिलर को दोबारा ढालने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन बाद में सिर्फ प्लास्टर करके शटरिंग कर दी गई।
छत के बीम में कम सरिया डाली गई और स्लैब वाले हिस्से में सरिया को अधिक दूरी पर बांधा गया।
बिजली वायरिंग के लिए मानक पाइप की बजाय सिंचाई वाला पाइप बिछा दिया गया, जिससे भविष्य में भवन की सुरक्षा और स्थायित्व प्रभावित होगा।
जेई पहुंचे मौके पर
ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए निर्माण विभाग के जेई उपेंद्र कुमार मौके पर पहुंचे। उन्होंने संवेदक के मुंशी को तत्काल काम रोकने का निर्देश दिया और सीमेंट बदलने का आश्वासन दिया। इसके बाद ग्रामीणों का गुस्सा शांत हुआ।
स्थानीय लोगों की राय
ग्रामीणों में से नंदकिशोर यादव, दुर्गा यादव, बीरबल यादव, श्रीराम महतो, संजीत यादव, रामपदार्थ सहनी, मुकेश महतो, दुखनी देवी, समुद्री देवी, सुनीता देवी, रामएकबाल महतो, मनोज यादव, भिखारी यादव, सिपाही यादव, शिबू ठाकुर, मुकेश ठाकुर, सोमनाथ महतो, देवन महतो आदि ने कहा कि यदि समय रहते मानक सामग्री का प्रयोग नहीं हुआ तो यह भवन जल्द ही जर्जर हो जाएगा और सरकारी धन का दुरुपयोग साबित होगा।
भ्रष्टाचार पर उठ रहे सवाल
इस पूरे मामले ने भ्रष्टाचार पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि विभाग की ओर से नियमित निगरानी नहीं की जाती।
जेई (जूनियर इंजीनियर) की जिम्मेदारी होती है कि वह कार्य की गुणवत्ता जांच करें।
लेकिन स्थल निरीक्षण की कमी से संवेदक मनमानी कर रहे हैं।
पंचायत सरकार भवन का महत्व
पंचायत सरकार भवन, जिसे आमतौर पर Panchayat Bhawan कहा जाता है, ग्रामीण स्तर पर स्थानीय शासन का केंद्र होता है। यहां से
ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं की जानकारी मिलती है।
सामुदायिक बैठकें होती हैं।
शिकायत निवारण का कार्य किया जाता है।
यदि ऐसे भवन का निर्माण ही घटिया सामग्री से होगा तो ग्रामीणों की सुरक्षा और सरकारी योजनाओं की विश्वसनीयता दोनों पर असर पड़ेगा।
यदि विभाग समय रहते सख्त कार्रवाई नहीं करता तो…
भरहुल्ली पंचायत में हो रहे इस निर्माण घोटाले ने फिर से साबित किया है कि भ्रष्टाचार और लापरवाही के कारण सरकारी योजनाओं का सही लाभ आम जनता तक नहीं पहुंच पा रहा है।
यदि विभाग समय रहते सख्त कार्रवाई नहीं करता तो करोड़ों रुपये की लागत से बन रहा पंचायत भवन ग्रामीणों के लिए बेकार साबित होगा।