सिंहवाड़ा | प्रखंड क्षेत्र के नगर पंचायत भरवाड़ा स्थित भगवती स्थान मंदिर में इस वर्ष भी जन्माष्टमी के अवसर पर शिव शक्ति पूजा समिति की ओर से भव्य प्रतिमा की स्थापना की गई। पूजा समिति के मेला प्रभारी एवं भाजपा युवा मोर्चा अध्यक्ष सह पार्षद प्रतिनिधि सूरज कुमार गुप्ता ने बताया कि यह आयोजन लगातार 21 वर्षों से किया जा रहा है और इस बार इसे और भी विशेष रूप दिया गया है।
आकर्षण का केंद्र बना ‘ऑपरेशन सिंदूर’ थीम पंडाल
इस बार समिति द्वारा बनाए गए पूजा पंडाल में एक विशेष “ऑपरेशन सिंदूर” थीम प्रस्तुत किया गया है, जो श्रद्धालुओं के लिए मुख्य आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। साथ ही लेज़र लाइट शो के माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं को जीवंत रूप से दिखाया जा रहा है। इस मनोहारी दृश्य को देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु जुट रहे हैं।
श्रद्धालुओं की भीड़ और भक्ति का माहौल
पूरे नगर के साथ-साथ आसपास के गांवों से भी श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। पुजारी गणेश सहनी ने जानकारी दी कि निरंतर पूजा-पाठ और धार्मिक आयोजन होने से क्षेत्र में भक्ति और आस्था का माहौल बना रहता है।
विधिवत पूजा और अनुष्ठान
पूरे कार्यक्रम का संचालन पंडित आचार्य मुरारी जी द्वारा विधिवत मंत्रोच्चार और वैदिक रीति-रिवाज से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन से समाज में धार्मिक एकता, संस्कार और सामाजिक सद्भावना बढ़ती है।
युवाओं की भागीदारी और सांस्कृतिक कार्यक्रम
शाम के समय बड़ी संख्या में युवा नाचते-गाते और भजन-कीर्तन करते हुए नजर आए। इससे कार्यक्रम का वातावरण और भी भक्तिमय बन गया। इस अवसर पर समिति के मिथिलेश महतो, सुमन यादव, संजय साह, राजू शाह, बबलू यादव, पंकज यादव, छेदी महतो, विकास कुमार, वरुण गुप्ता, दीपक यादव, मनीष कुमार, रौशन कुमार, गोविंदा गुप्ता सहित कई सदस्य श्रद्धालुओं की सेवा और देखरेख में लगे हुए थे।
सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व
जन्माष्टमी, जिसे पूरे देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है, भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में जाना जाता है। यह पर्व हिंदू पंचांग के भाद्रपद माह की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है।
भरवाड़ा में यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह समाज को जोड़ने वाला उत्सव भी है। समिति के सदस्यों का मानना है कि 21 वर्षों की इस परंपरा ने लोगों को एक साथ आने, सहयोग करने और सांस्कृतिक धरोहर को संजोने का अवसर दिया है।
स्थानीय समाज की सक्रिय भूमिका
पूरे आयोजन में स्थानीय समाज और युवाओं की सक्रिय भागीदारी देखने को मिल रही है। आयोजन समिति का कहना है कि वे आगे भी इस परंपरा को जारी रखेंगे और आने वाले वर्षों में इसे और भव्य बनाने की योजना है।