जाले | झमाझम बारिश के बीच जालेश्वरी स्थान के प्रतिमाओं का विसर्जन शनिवार अपराह्न 3:39 बजे सुखाई पोखर में सम्पन्न हुआ। महज दो किलोमीटर की दूरी को विसर्जन यात्रा में लगभग 40 घंटे लगे।
विसर्जन यात्रा और आरती
पूजा समिति के अध्यक्ष रतन कुमार मेहता और सचिव देव नारायण मेहता के अनुसार, विसर्जन यात्रा दो अक्टूबर की रात 11:39 बजे से प्रारम्भ हुई थी।
बारिश के कारण प्रतिमाओं को तिरपाल से ढककर ट्रॉली में रखा गया। तालाब किनारे पहुँचने पर वैदिक मंत्रोच्चारण और भव्य आरती के साथ प्रतिमाओं को विसर्जित किया गया।
झिझिया नृत्य और खरीदारी का रंग
विसर्जन यात्रा में पुरुषों की टोली द्वारा प्रतिमाओं को शंकर चौक स्थित गणेश मंदिर के पास लाया गया। यहाँ मिथिला की प्रसिद्ध झिझिया नृत्य करती महिलाओं ने प्रतिमाओं को अपने नियंत्रण में लेकर सुखाई पोखर की ओर बढ़ाया।
यात्रा के दोनों ओर दर्जनों चलता-फिरता दुकानों में श्रद्धालुओं ने जमकर खरीदारी की। अधिकांश फल विक्रेता मुस्लिम समुदाय से थे।
जाले थानाध्यक्ष संदीप कुमार पाल की चाक-चौबंद व्यवस्था
विसर्जन यात्रा के दौरान थानाध्यक्ष संदीप कुमार पाल के नेतृत्व में पुलिस बल प्रत्येक नुक्कड़ और मोड़ पर तैनात रहा। सुरक्षा और शांति बनाए रखने के लिए पुलिस अधिकारियों और चौकीदारों की विशेष व्यवस्था की गई थी।
श्रद्धालुओं ने नम आंखों से माता का दर्शन और आरती करते हुए विसर्जन प्रक्रिया पूरी की, जिससे नवरात्र महोत्सव की धार्मिक और सांस्कृतिक गरिमा बनी रही।