देशज टाइम्स परिवार की ओर से ऐसे पुख्ता, साहित्यक समुद्र से शब्द की बाजीगरी करने वाले महामना आचार्य सोमदेव को शत-शत-कोटि-कोटि नमनांजलि…सादर नमन
मिथिला का हर पोखर, उसकी पहचान माछ उसकी शान मखान और मुख पर मुस्कुराहट की बखान करने वाला पान आज स्तब्ध है। आज उसे शब्दों से महान बनाने वाले उसके लिए शब्दों की लहरी लिखने वाले, उसकी महत्ता को जग प्रसिद्ध करने वाले उनके अपने, मिथिलांचल के हर घरों की शान, मैथिली फिल्म जय बाबा बैद्यनाथ के गीतकार, सफल, प्रतिष्ठित साहित्यकार, समग्र चिंतक सोमदेव नहीं रहे।
ऐसे प्रसिद्धता के वलिष्ठ, वरीय, मिथिला के वैभव उसकी विभूति के पंगत के सबसे आगे की पंक्ति में बैठने वाले, पुरोधा बिरौल प्रखंड अंतर्गत नेउरी टोला दाथ (जयंतीपुर) गांव के रहने वाले प्रो. गौरीशंकर प्रसाद श्रीवास्तव उर्फ आचार्य सोमदेव का पटना में निधन हो गया। अपने आवास पर सोमवार को उन्होंने अंतिम सांसें ली।
परिजनों ने बताया आचार्य सोमदेव अर्से से बीमार थे। इनका अंतिम संस्कार पटना के गंगा तट पर किया जाएगा। इनके निधन की खबर से मिथिला में शोक में मौन है। आचार्य सोमदेव की लिखी उनकी कही बातें आज लोगों के जुबांन पर है ही सदैव मिथिलांचल की विरासत के साथ जीवंत रहेगा।
दरभंगा के ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के अधीन महारानी कल्याणी महाविद्यालय में हिंदी विषय के विभागाध्यक्ष रहे आचार्य सोमदेव को “सहसमुखी चौक पर” के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार भी वर्ष 2002 में मिल चुका है। वहीं, मैथिली फिल्म जय बाबा बैद्यनाथ के गीतकार के तौर पर उनकी ख्याति सिने जगत में भी थी।