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1 अक्टूबर, 2024
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अपर मुख्य सचिव विवेक सिंह ने कहा, दरभंगा प्रमंडल में नहीं रहे कोई भूमि विवाद, 28 तक निबटाएं दाखिल-खारिज, दिया-Darbhanga, Samastipur और Madhubani के अपर समाहर्त्ता को टास्क, पढ़िए पूरी खबर

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रभंगा। आयुक्त, दरभंगा प्रमंडल, दरभंगा के सभागार में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, सरकार के अपर मुख्य सचिव विवेक सिंह की अध्यक्षता में भूमि विवाद निष्पादन को लेकर प्रमंडल स्तरीय समीक्षा बैठक की गयी।

बैठक में भूमि विवाद से संबंधित 11 बिन्दुओं पर समीक्षा की गयी, जिनमें बन्दोबस्ती की गयी भूमि से बेदखली का मामला, सरकारी भूमि पर अतिक्रमण/कब्जा, गैर-मजरूआ भूमि पर कब्जा का विवाद, राजस्व न्यायालय में लंबित मामला, सिविल न्यायालय में लंबित मामला, माननीय उच्चतम/उच्च न्यायालय में लंबित मामला, राजस्व न्यायालय

आदेश का अनुपालन, लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के आदेश का अनुपालन, भू-मापी से संबंधित विवाद, निजी रास्ता से संबंधित विवाद, बंटवारा से संबंधित विवाद एवं अन्य विवाद से संबंधित भूमि विवाद के मामले की समीक्षा की गयी।

बैठक में अपर मुख्य सचिव ने कहा कि सरकारी जमीन में केशर-ए-हिन्द एवं खास महाल की जमीन को किसी को नहीं दिया जा सकता है, यदि किसी ने उस पर कब्जा कर रखा है, तो वह अवैध है। उन्होंने दरभंगा, समस्तीपुर एवं मधुबनी के अपर समाहर्त्ता को ऐसी जमीनों की सूची जिला स्तर पर बना लेने का निर्देश दिया तथा जिला पदाधिकारी को इसकी समीक्षा करने का निर्देश दिया।

उन्होंने कहा कि बड़े भूभाग के सीमांकन की समस्या भी अनेक जगहों पर है, बिना जमीन की मापी और समुचित सीमांकन के पर्चा दे दिया गया। पर्चाधारी को यह पता नहीं है, कि उस विस्तृत भू-भाग में उसकी जमीन कहाँ है। भूमाफिया इसका लाभ उठाकर ऐसी जमीनों पर धीरे धीरे कब्ज़ा कर लेता है।  इसलिए ऐसी जमीनों का सीमांकन एवं मापी कराकर नामवार पर्चाधारियों को चौहद्दी के साथ भूमि आवंटित की जाए।

उन्होंने कहा कि जिन भूमि विवाद के मामले में भूमि सुधार उप समाहर्त्ता/जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी की ओर से आदेश पारित किया गया है, उसका अनुपालन कराया जाए। राजस्व न्यायालय के आदेश का वहीं महत्व है, जो सिविल न्यायालय का है, इसलिए ऐसे आदेशों का अक्षरसः अनुपालन कराया जाए। उन्होंने कहा जमाबंदी रद्द करने एवं अतिक्रमणवाद के आदेश का शत प्रतिशत अनुपालन कराया जाए। इससे जनता में सरकार के प्रति विश्वास उत्पन्न होता है।यदि किसी भूमि विवाद के मामले में सिविल न्यायालय से कोई आदेश पारित है, तो उसका क्रियान्वयन कराया जाए।

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अब अमीन की कोई कमी नहीं है। लंबित भूमि मापी के मामले में अतिशीघ्र भूमि मापी कराके समाधान करायें। यदि भूमि मापी निर्धारित समय सीमा के अंतर्गत नहीं करायी जाती है, तो संबंधित अमीन/अंचलाधिकारी के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने कहा कि भूमि मापी से संबंधित मामले लंबित नहीं रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भूमि मापी का मामला विवाद नहीं है, बल्कि यह वैधानिक निष्पादन का मामला है और इसमें 01 माह से अधिक का समय नहीं लगना चाहिए। रैयती जमीन में सड़क को लेकर अक्सर विवाद होता है, इसका निष्पादन कराने के निर्देश अपर मुख्य सचिव द्वारा दिया गया।

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उन्होंने दाखिल-खारिज के लंबित मामलें की समीक्षा की और जिन अंचलों में लंबित मामले अधिक पाये गये, उन्हें चेतावनी देते हुए कहा कि यदि 31 दिसम्बर 2020 तक के दाखिल खरिज के मामलों का निष्पादन 15 फरवरी 2022 तक एवं 30 जून 2021 तक के मामले का निष्पादन 28 फरवरी तक नहीं किया जाएगा, तो संबंधित अंचलाधिकारी के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी।

दाखिल-खारिज निष्पादन के मामलें में 75 प्रतिशत् से कम निष्पादन स्वीकार योग्य नहीं होगा। साथ ही वैसे अंचल जहाँ दाखिल-खारिज वाद में अस्वीकृति अधिक है, उन अंचलों की जांच करने का निर्देश संबंधित अपर समाहर्त्ता को दिया गया।

उन्होंने कहा कि वैसे कर्मचारी जिनके हल्के में दाखिल-खारिज के बाद का निष्पादन नहीं हो रहा है, उन्हें दुरूस्थ क्षेत्र में स्थानांतरित किया जाए। उन्होंने कहा कि यदि पुराने मामलें लंबित है और नये मामले का निष्पादन हो रहा है, तो इस पर प्रश्न चिन्ह खड़ा होता है, ऐसे कर्मचारियों के विरूद्ध जांच करायी जानी चाहिए। जमीन की एल.पी.सी. के मामले में निष्पादन शत्-प्रतिशत् होना चाहिए। बैठक में जल-जीवन-हरियाली योजना के अन्तर्गत मौजावार जल निकाय की संख्या एवं अतिक्रमण हटाने के मामलें पर समीक्षा की गयी।

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वैसे लोग जिन्हें रहने के लिए जमीन नहीं है, उन्हें जमीन क्रय कर देने का निर्देश दिया गया। उन्होंने कहा कि भूमि विवाद के मामले में निष्पादन की स्थिति में अधिक से अधिक सुधार की जाए। इसके बाद सभी जिलाधिकारी, वरीय पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक/अपर समाहर्त्ता एवं भूमि सुधार उप समाहर्त्ता से उनके क्षेत्र से संबंधित मामलों की जानकारी बिंदुवार अपर मुख्य सचिव को दी।

बैठक में आयुक्त, दरभंगा प्रमंडल, दरभंगा मनीष कुमार, पुलिस महानिरीक्षक, मिथिला क्षेत्र, दरभंगा ललन मोहन प्रसाद, जिलाधिकारी, दरभंगा राजीव रौशन, जिलाधिकारी, समस्तीपुर योगेन्द्र सिंह, जिलाधिकारी, मधुबनी अमित कुमार, वरीय पुलिस अधीक्षक, दरभंगा अशोक प्रसाद, पुलिस अधीक्षक, समस्तीपुर ह्दय कान्त, पुलिस अधीक्षक, मधुबनी डॉ. सत्य प्रकाश, आयुक्त के सचिव देवेन्द्र प्रसाद तिवारी, दरभंगा/समस्तीपुर/मधुबनी के अपर समाहर्त्ता, दरभंगा/समस्तीपुर/मधुबनी के भूमि सुधार उप समाहर्त्ता, उप निदेशक, जन सम्पर्क नागेन्द्र कुमार गुप्ता एवं अन्य प्रमण्डल स्तरीय पदाधिकारीगण उपस्थित थे।

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