जतिन की मौत के बाद प्राचार्य पहुंचे घर, बहन ने कहा – अब उस स्कूल में नहीं जाऊंगी! नवोदय स्कूल पहुंचे प्राचार्य, जतिन की बहन ने रोते हुए कहा – विश्वास टूट गया है। मासूम जतिन की बहन आंचल का दर्द – प्राचार्य की सलाह भी काम न आई, स्कूल लौटने से इनकार।@केवटी,देशज टाइम्स दरभंगा।
जतिन की मौत के बाद “अब उस स्कूल में कभी नहीं जाऊंगी” –बहन आंचल बोली – जिस दिन भाई गया
“अब उस स्कूल में कभी नहीं जाऊंगी” – जतिन की बहन की चीख सुन भावुक हुआ पूरा गांव। जतिन के घर पहुंचे नवोदय प्राचार्य, बहन आंचल बोली – जिस दिन भाई गया, वही मेरा स्कूल छूट गया। नवोदय स्कूल पर टूटा विश्वास! जतिन की बहन बोली – प्रतियोगिता के बहाने बाहर भेजा था। जतिन की मौत के बाद पहली बार प्राचार्य पहुंचे परिवार से मिलने, बहन आंचल ने फिर उठाए सवाल@केवटी,देशज टाइम्स दरभंगा।
जतिन की मौत के बाद नवोदय प्राचार्य ने परिजनों से की मुलाकात, बड़ी बहन आंचल को पढ़ाई फिर से शुरू करने की दी सलाह, मगर बहन ने सुनाई दर्द भरी दास्तांन
दरभंगा/केवटी, देशज टाइम्स – पीएम जवाहर नवोदय विद्यालय, पचाढ़ी में कक्षा आठ के छात्र जतिन गौतम की असामयिक मौत के बाद विद्यालय के प्राचार्य विजय कुमार शनिवार को मृतक छात्र के गांव रनवे पुरानी टोला पहुंचे और उनके परिजनों से मिलकर शोक संवेदना व्यक्त की।
परिजनों से मिलकर प्राचार्य ने जताई संवेदना
प्राचार्य विजय कुमार ने जतिन के पिता संतोष कुमार साह, माता रूबी कुमारी, दादा बद्री नारायण साह और चाचा अजय कुमार व अशोक कुमार से मिलकर घटना को “दुर्भाग्यपूर्ण” बताया और गहरी संवेदना प्रकट की। साथ में विद्यालय के प्रो. जी.एन. पाठक भी उपस्थित थे।
बड़ी बहन आंचल को विद्यालय लौटने की सलाह
जतिन की बड़ी बहन आंचल, जो ग्यारहवीं कक्षा की छात्रा है, उसे भी विद्यालय बुलाकर धैर्य और साहस का संदेश दिया गया। प्राचार्य ने आंचल को पुनः विद्यालय आकर पठन-पाठन शुरू करने की सलाह दी, लेकिन उसने फौरन लौटने से इनकार कर दिया।
पिता ने उठाए गंभीर सवाल
पिता संतोष कुमार साह ने बताया कि आंचल घटना से मानसिक रूप से बुरी तरह टूट चुकी है और अब विद्यालय पर उसका भरोसा नहीं रहा।उन्होंने कहा कि “जिस दिन घटना हुई, उस दिन विद्यालय प्रशासन ने आंचल को एक प्रतियोगिता के नाम पर बाहर भेज दिया था। इसके बाद से उसका विद्यालय पर से विश्वास उठ गया है।” पिता का कहना है कि अब आंचल उसी विद्यालय में लौटना नहीं चाहती।
परिवार है भयभीत और टूट चुका
आंचल की मानसिक स्थिति बेहद नाजुक है। परिवार पूरी तरह शोकग्रस्त और भयभीत है। परिजन चाहते हैं कि घटना की पूर्ण और निष्पक्ष जांच हो ताकि भविष्य में किसी और छात्र के साथ ऐसा न हो।
जतिन की दुखद मौत ने उसके पूरे परिवार को
जतिन की दुखद मौत ने उसके पूरे परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है। विद्यालय प्रशासन द्वारा संवेदना व्यक्त करना एक सकारात्मक कदम है, लेकिन परिजनों की विश्वास बहाली के लिए और भी ठोस कार्रवाई की जरूरत है। आंचल जैसी छात्राओं को पुनः शिक्षा से जोड़ने के लिए सहानुभूति और मनोवैज्ञानिक सहायता की आवश्यकता है।