Alinagar News: आग की लपटें जब सपनों का आशियाना निगल जाती हैं, तो इंसानियत ही मरहम बनकर आगे आती है। अलीनगर प्रखंड से भी मानवता की ऐसी ही एक मिसाल पेश करने वाली तस्वीर सामने आई है, जहां एक बेबस परिवार की मदद के लिए एक संस्था ने हाथ बढ़ाया है।
प्रखंड मुख्यालय स्थित काजिमपुर रही टोला में 24 दिसंबर की सर्द रात जगदीश मुखिया और उनके परिवार के लिए किसी काले साये की तरह आई। अचानक लगी आग ने देखते ही देखते उनके फूस और एस्बेस्टस से बने तीन कमरों के आशियाने को अपनी चपेट में ले लिया। घर के साथ-साथ मवेशियों के रहने की जगह भी जलकर पूरी तरह स्वाहा हो गई। इस घटना के बाद से ही पूरा परिवार इस भीषण ठंड में पड़ोसियों के घर में शरण लेने को मजबूर है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। इस मुश्किल घड़ी में अग्नि पीड़ित परिवार के आंसू पोंछने के लिए एक सामाजिक संस्था आगे आई है।
Alinagar News: कल्याणकारी मंच बना पीड़ितों का सहारा
पीड़ित परिवार की दयनीय स्थिति की जानकारी मिलने पर ‘जन कल्याणकारी सह शिक्षा विकास मंच, श्यामपुर’ के पदाधिकारियों ने मदद का हाथ बढ़ाया। मंच के अध्यक्ष निर्भय यादव, उपाध्यक्ष विजय कुमार देव और सचिव एम. ए. सारिम खुद पीड़ित परिवार के पास पहुंचे और उन्हें राहत सामग्री प्रदान की। संस्था की ओर से जगदीश मुखिया की पत्नी शांति देवी को चावल, आटा, सरसों तेल, दाल, आलू, प्याज, नमक और बिस्कुट समेत कई जरूरी चीजें दी गईं, ताकि इस संकट की घड़ी में परिवार को दो वक्त का भोजन नसीब हो सके।
मंच के अध्यक्ष निर्भय यादव ने कहा कि उनकी संस्था हमेशा जरूरतमंदों की सेवा के लिए तत्पर रहती है और इस अग्नि पीड़ित परिवार को भविष्य में भी हरसंभव मदद दी जाएगी। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। उन्होंने समाज के अन्य लोगों से भी अपील की कि वे आगे आकर इस बेबस परिवार का सहारा बनें। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: https://deshajtimes.com/news/national/
पड़ोसियों के रहमोकरम पर परिवार
इस अगलगी की घटना में जगदीश मुखिया का सब कुछ जलकर राख हो गया है। घर में रखा अनाज, कपड़े और अन्य जरूरी सामान आग की भेंट चढ़ गए। अब पूरा परिवार खुले आसमान के नीचे आ गया है और केवल पड़ोसियों के रहमोकरम पर गुजर-बसर कर रहा है। कड़ाके की ठंड ने उनकी मुश्किलें और भी बढ़ा दी हैं। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से भी गुहार लगाई है कि पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा और आवास योजना का लाभ दिया जाए, ताकि वे अपनी जिंदगी दोबारा पटरी पर ला सकें।


