अलीनगर,दरभंगा न्यूज़: सरकारी फरमानों को ताक पर रखकर, अगर आप अपनी मनमानी करना चाहते हैं, तो बिहार के अलीनगर प्रखंड से बेहतर जगह शायद ही कोई हो। यहां शिक्षा विभाग में एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां एक नव-नियुक्त प्रधान शिक्षक को चार महीने से अधिक समय बीत जाने के बाद भी विद्यालय का प्रभार नहीं सौंपा गया है, वहीं स्कूल में मिड-डे मील योजना भी सवालों के घेरे में है। यह कहानी सिर्फ एक शिक्षक की नहीं, बल्कि उस पूरी व्यवस्था की है, जिस पर शिक्षा का भविष्य टिका है।
नव-नियुक्त प्रधान शिक्षक को नहीं मिला प्रभार
बीपीएससी द्वारा आयोजित परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद, सोनू कुमार साहू को अलीनगर प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय चौपाल टोल मनहर में प्रधान शिक्षक के पद पर नियुक्त किया गया था। उन्होंने 21 जुलाई 2025 को विधिवत विद्यालय में योगदान दिया। हालांकि, दुखद बात यह है कि 26 नवंबर 2025 की तारीख बीत जाने के बाद भी उन्हें आज तक विद्यालय का संपूर्ण प्रभार नहीं सौंपा गया है। इस दौरान उन्हें प्रखंड शिक्षा कार्यालय से लेकर जिला शिक्षा कार्यालय तक दर्जनों बार चक्कर लगाने पड़े, लेकिन उनकी समस्या का कोई समाधान नहीं निकला। थक-हारकर, बुधवार को वे पुनः अलीनगर प्रखंड विकास पदाधिकारी के कार्यालय पहुंचे और अपनी गुहार लगाई।
एमडीएम में अनियमितता के गंभीर आरोप
प्रधान शिक्षक सोनू कुमार साहू ने विद्यालय के मिड-डे मील (MDM) योजना में गंभीर अनियमितताओं का आरोप लगाया है। उनके अनुसार, जब से उन्होंने विद्यालय में योगदान दिया है, तब से लेकर अब तक मात्र 11 दिन ही मिड-डे मील बना है। इसके विपरीत, ई-शिक्षा पोर्टल पर प्रतिदिन 90 से 100 बच्चों के लिए एमडीएम बनने का डेटा अपलोड किया जाता रहा है। यह आरोप शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
जिला शिक्षा कार्यालय के आदेश भी बेअसर
सोनू कुमार साहू ने जिला शिक्षा कार्यालय में दिए गए आवेदनों की प्रतियां भी दिखाई हैं। इन आवेदनों में ज्ञापन संख्या 361 दिनांक 8 अगस्त 2025 और ज्ञापन संख्या 396 दिनांक 28 अगस्त 2025 शामिल हैं। इन आवेदनों के आधार पर जिला शिक्षा कार्यालय द्वारा पत्र जारी कर अविलंब प्रभार सौंपने का आदेश दिया गया था। लेकिन, विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक निर्मोही कुमार द्वारा इन आदेशों की लगातार अवहेलना की जा रही है और सोनू कुमार साहू को प्रभार नहीं सौंपा गया है।
- प्रमुख बिंदु:
- सोनू कुमार साहू ने 21 जुलाई 2025 को प्रधान शिक्षक के रूप में योगदान दिया।
- 26 नवंबर 2025 तक प्रभार नहीं मिला।
- मात्र 11 दिन मिड-डे मील बना, जबकि पोर्टल पर प्रतिदिन 90-100 बच्चों का डेटा अपलोड।
- जिला शिक्षा कार्यालय के आदेशों (दिनांक 08/08/2025 और 28/08/2025) के बावजूद प्रभार नहीं सौंपा गया।
2016 से बंद एमडीएम और कार्रवाई पर सवाल
सबसे चौंकाने वाला आरोप यह है कि प्रधान शिक्षक ने जिला शिक्षा कार्यालय को दिए गए अपने आवेदन में यह भी बताया है कि विद्यालय में मिड-डे मील योजना वर्ष 2016 से ही बंद है। यदि यह आरोप सही है, तो यह दर्शाता है कि इतनी लंबी अवधि से एक महत्वपूर्ण सरकारी योजना का लाभ बच्चों तक नहीं पहुंच रहा था। इतनी गंभीर अनियमितता के बावजूद, वर्तमान प्रभारी प्रधानाध्यापक निर्मोही कुमार पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। यह पूरी घटना न केवल शिक्षा विभाग के अधिकारियों की कार्यशैली पर, बल्कि पूरी शिक्षा व्यवस्था की निगरानी प्रणाली पर भी गंभीर प्रश्नचिह्न खड़ा करती है। क्या ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को मिलने वाले सरकारी लाभ सिर्फ कागजों तक ही सीमित रहेंगे?







