सतीश झा। बेनीपुर अनुमंडल अस्पताल के तीन Ambulances, बारी-बारी तीनों खराब..मतलब साफ, व्यवस्था “लावारिस”। जहां, बेनीपुर अनुमंडल अस्पताल (Benipur sub-divisional hospital) के सभी एम्बुलेंस खराब रहने के कारण आम लोगों को अब बाजार के निजी वाहन पर ही निर्भर होना पड़ रहा है।
अब आतंकियों की बची-कुची जमीन को भी मिट्टी में मिलाने का समय आ गया है… — PM MODI in Madhubani
अनुमंडल अस्पताल बेनीपुर में तीन एंबुलेंस कार्यरत था। धीरे-धीरे सभी गैरेज में, सिस्टम वेटिंलेटर पर, दावे बड़े-बड़े, हकीकत शून्य
जानकारी के अनुसार, अनुमंडल अस्पताल बेनीपुर में तीन एंबुलेंस कार्यरत था। इसमें क्रमशः सभी एंबुलेंस बारी-बारी खराब होते चले गए। लेकिन अस्पताल प्रशासन की ओर से इस समस्या की निदान के लिए कोई पहल नहीं की गई है। अब जब तीनों एम्बुलेंस गैरेज में खड़ी हो गई हैं।
अस्पताल प्रबंधन सिविल सर्जन को मात्र एक पत्र लिखकर हो गया निश्चिंत, दायित्व से मुक्त…ये सिस्टम बड़ा लाचार है रे…
इसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने सिविल सर्जन को मात्र एक पत्र लिखकर अपने दायित्व से मुक्ति पाना चाह रहे हैं। अनुमंडल अस्पताल में एंबुलेंस की उपलब्धता से सुदूर ग्रामीण क्षेत्र के गर्भवती एवं प्रसूति महिलाओं के साथ-साथ सामान्य घटना दुर्घटना में आम लोगों को काफी फायदा पहुंचता था। लेकिन उक्त एम्बुलेंस मामूली तकनीकी खराबी के कारण समय पर मरम्मत नहीं हो पायी।
अस्पताल प्रबंधक राहुल सिंह ने बताया
साफ है, इससे सभी एंबुलेंस गैरेज में शरण लेना पड़ा ।जिसका खामियाजा स्थानीय आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। इस संबंध मेंपूछने पर अस्पताल प्रबंधक राहुल सिंह ने बताया कि एम्बुलेंस में तकनीकी खराबी के कारण एंबुलेंस बंद होने की सूचना विभागीय पदाधिकारी को दे दी गई है।