बिहार की यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ और सुगम बनाने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि सामने आई है। उत्तर और दक्षिण बिहार आपस में जुड़ने जा रहे हैं। इनके बीच, 4 घंटे की दूरी कम होने जा रही है। सीधा संपर्क बनेगा…आमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे में आई रफ्तार से अब 7 जिलों के लिए नई सड़कें, नए पुल और नया भविष्य का द्वार खुल गया है।
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बिहार में बन रही हैं नई सड़कें, नए पुल और नया भविष्य
पटना-गया-डोभी फोरलेन सड़क का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है, और इसे मई माह में जनता को समर्पित कर दिया जाएगा। यह सड़क राजधानी पटना से गया के बीच की दूरी को घटाकर सिर्फ डेढ़ घंटे में तय करने लायक बना देगी।
उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़ेगा आमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे
पथ निर्माण मंत्री नवीन नितिन ने बताया कि आमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे पर कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं। यह एक्सप्रेसवे उत्तर और दक्षिण बिहार के सात जिलों को जोड़ेगा और इससे यात्रा करने वालों को कम से कम चार घंटे का समय बचेगा।
पटना-गया-डोभी परियोजना की विशेषताएं
निर्माण लागत: ₹1910.083 करोड़ । प्रमुख संरचनाएं: 5 आरओबी (रेलवे ओवर ब्रिज)। 20 अंडरपास। 4 फ्लाईओवर। 8 बाइपास। निर्माण चरण: तीन अलग-अलग पैकेजों में पूरा किया गया।
जहानाबाद और बिहटा की योजनाएं भी तेज होंगी
जहानाबाद बाईपास के हाई टेंशन लाइन टावर को शीघ्र शिफ्ट करने का निर्देश।औटा-सिमरिया परियोजना के शेष कार्य को शीघ्र पूर्ण करने के आदेश। बिहटा में दो आरओबी के निर्माण को दो माह के अंदर पूरा करने का लक्ष्य।
हर योजना की जमीनी समीक्षा होगी जरूरी: नवीन नितिन
मंत्री ने स्पष्ट कहा कि अधिकारियों को अगली समीक्षा बैठक से पहले हर परियोजना स्थल का निरीक्षण कर आना होगा, ताकि जमीनी हकीकत समझी जा सके। उन्होंने कहा:
“कोई भी योजना तभी सफल हो सकती है, जब उसकी वास्तविक स्थिति का आकलन किया जाए। हमारी सरकार जनता को सुगम और सुचारु यातायात देने के लिए प्रतिबद्ध है।”
बैठक में ये अधिकारी रहे मौजूद
पथ निर्माण विभाग के सचिव बी. कार्तिकेय धनजी। एनएचएआई के क्षेत्रीय पदाधिकारी निलेश एल. यवतकर। एनएचएआई की तकनीकी टीम। अन्य विभागीय अधिकारी।