दरभंगा। जिला परिषद् के दो पार्षदों की जमानत याचिका जिला एवं सत्र न्यायाधीश विनोद कुमार तिवारी ने मंगलवार को खारिज कर दी।
जनप्रतिनिधि स्वतंत्र कुमार झा और अमित कुमार ठाकुर गत 11 सितम्बर 23 की घटना को लेकर 12 सितम्बर से काराधीन है। जिला परिषद् भवन में आयोजित जिला परिषद् की सामान्य बैठक में 11 सितम्बर को विपक्षी जिला पार्षदों ने अपनी बात कार्यवाही में शामिल करने के लिए आवाज बुलंद किया था।
ट्रेजरी बेंच से नाउम्मीद होने पर सदन के भीतर और मुख्य द्वार पर धरना-प्रर्दशन किया। इतना ही नहीं मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी के वाहन के सामने लेट कर अपना विरोध प्रदर्शन किया था।
इसके विरुद्ध सामान्य बैठक के लिए प्रतिनियुक्त मजिस्ट्रेट मत्स्य प्रसार पदाधिकारी मनोरंजन कुमार ने 11 सितम्बर 23 की घटना को लेकर 12 सितम्बर 23 को संध्या 7 बजे लहेरियासराय थाना में टंकित आवेदन पत्र समर्पित किया। जिस पर थानाध्यक्ष ने प्राथमिकी दर्ज की। जिसमें स्वतंत्र कुमार झा, अमित कुमार ठाकुर समेत 17 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया। इनमें दो पार्षदों को गिरफ्तार कर पुलिस ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
इसी मामलें में दोनों काराधीन पार्षदों की जमानत याचिका सत्र न्यायाधीश की अदालत ने खारिज कर दी है।
अधिवक्ता अरुण कुमार चौधरी और शिवशंकर झा ने कहा कि जिला परिषद् बोर्ड के करीब 148 वर्षो के स्वर्णिम इतिहास में यह पहली घटना है, जिसमें निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के विरुद्ध कथित घटना के एक दिन बाद प्राथमिकी दर्ज कर काराधीन किया गया है।
आजादी के पूर्व और आजादी के पश्चात जिला परिषद् सदस्यों के विरुद्ध सदन में आम जनता की ओर से आवाज बुलंद करने के कारण प्राथमिकी दर्ज करने का उदाहरण नहीं है। आजादी के पूर्व दफा 353 जमानतीय था। जिसे हाल के वर्षों में अजमानतीय बना दिया गया है।