दरभंगा। हनुमाननगर से ख़बर है कि देश के भविष्य को मज़बूरी की भट्टी में झोंकने वाले बाल श्रम के खिलाफ एक बड़ी मुहिम छेड़ी गई है। शिक्षा को हर बच्चे का अधिकार बताने वाले इस कार्यक्रम में, दरभंगा डिविजन के डिप्टी लेबर कमिश्नर ने कुछ ऐसे ‘मंत्र’ दिए, जिन्हें अगर समाज ने अपना लिया, तो कोई बच्चा काम नहीं, सिर्फ स्कूल जाएगा। आखिर क्या था वो पूरा कार्यक्रम और क्या थे वो अहम संदेश? जानने के लिए पढ़िए पूरी ख़बर।
बाल श्रम और शिक्षा पर जागरूकता कार्यक्रम
हनुमाननगर के सैदपुर स्थित कैम्ब्रिज पब्लिक स्कूल में शुक्रवार को ‘चाइल्ड लेबर एंड एजुकेशन अवेयरनेस प्रोग्राम’ का आयोजन किया गया। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम का उद्घाटन दरभंगा डिविजन के डिप्टी लेबर कमिश्नर राकेश रंजन ने किया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य समाज में बाल श्रम के प्रति जागरूकता बढ़ाना और बच्चों को शिक्षा के महत्व से अवगत कराना था।
शिक्षा से जोड़ना साझा ज़िम्मेदारी: डिप्टी लेबर कमिश्नर
मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित राकेश रंजन ने अपने संबोधन में बाल श्रम उन्मूलन की आवश्यकता पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने स्पष्ट कहा कि बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ना केवल सरकार की नहीं, बल्कि पूरे समाज की साझा जिम्मेदारी है। उन्होंने इस दिशा में विद्यालय प्रबंधन द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की और उन्हें प्रेरणादायक बताया। राकेश रंजन ने विद्यालय के संस्थापक द्वारा एक गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) के माध्यम से धन जुटाकर स्कूल को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के संकल्प को भी सराहा, इसे एक अनुकरणीय पहल करार दिया।
बच्चों की प्रतिभा को मिली सराहना
कार्यक्रम के दौरान विद्यालय के निदेशक मोहम्मद तबरेज़ की गरिमामयी उपस्थिति में बच्चों ने विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं। इन प्रस्तुतियों के साथ-साथ बच्चों ने बाल श्रम और शिक्षा के महत्व पर आधारित कई जागरूकता कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए। अतिथियों ने बच्चों की इस अद्भुत प्रतिभा और जागरूकता संदेश देने के उनके प्रयासों की खुले दिल से प्रशंसा की। यह कार्यक्रम समाज को बाल श्रम के प्रति संवेदनशील बनाने और हर बच्चे के लिए शिक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।








