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1 अक्टूबर, 2024
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प्रमुख-उपप्रमुख की कुर्सी पाने की होड़, चल रहा बेनीपुर में सत्ता की गोद भराई का खेल, जेब भराई, खानपान, अतिथि सत्कार सबकुछ खुले में, आओ बिक जाओ-डूब मरो….Satish Chandra Jha की Exclusive रिपोर्ट

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तीश चंद्र झा, बेनीपुर। त्रिस्तरीय पंचायत समिति सदस्यों के शपथ ग्रहण समारोह की तिथि घोषित होने के साथ ही पंचायत स्तर पर उप मुखिया एवं प्रखंड स्तर पर प्रमुख,उप प्रमुख चुनाव की सरगर्मी (Power baby shower game in Benipur) तेज हो गई है।

 

वर्तमान चुनाव में धनबल का खुला खेल हार जीत का पैमाना बनता दिखाई पड़ रहा है। बेनीपुर प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत 16 पंचायत में कुल 232 निर्वाचित पंचायत वार्ड सदस्य एवं 232 पंच के सदस्य हैं जो शपथ ग्रहण के साथ-साथ अपने उप मुखिया एवं उपसरपंच का चुनाव करेंगे। जबकि प्रखंड स्तर पर कूल 16 पंचायतों से कुल 23 पंचायत समिति सदस्य चुनकर आए हैं जो शपथ ग्रहण के साथ-साथ प्रमुख एवं उप प्रमुख का चुनाव करेंगे।

वैसे तो चुनाव की तिथि तय नहीं की गई है लेकिन सरकार द्वारा 20 दिसंबर से लेकर 3 जनवरी तक का समय निर्धारित किया गया है । वैसे तो पंचायत स्तर पर मुखिया के रहमो करम पर उप मुखिया का चयन हुआ करता था । लेकिन गत पंचवर्षीय में वार्ड सदस्यों को मिले अधिक पावर के बाद मुखिया की पकड़ वार्ड सदस्य पर ढीली पड़ती नजर आ रही है और उप मुखिया बनने की भी होड़ मची हुई है।

वर्तमान चुनाव में जाति एवं सामाजिक समीकरण ढीली पड़ती नजर आ रही है। अब धनबल का जोर आजमाइश सुनाई पड़ने लगी है। प्रखंड क्षेत्र में द्वितीय चरण में ही चुनाव संपन्न हो चुके हैं। उस समय तो वार्ड सदस्य भेंट मुलाकात के साथ-साथ हल्के फुल्के प्रलोभन से उप मुखिया का पद जीतना चाहते थे। लेकिन अब वर्तमान परिस्थिति में 15 से ₹25000 तक प्रत्येक वार्ड सदस्य का रेट तय कर मान मनौव्वल की जा रही है।

दूसरी ओर उप सरपंच पद के लिए वर्तमान समय में कोई बाजार भाव नहीं सुनने को मिल रही है चाय पान तक ही चर्चा सीमित हो रही है। दूसरी ओर पंचायत समिति सदस्य में भी शुरुआती दौर में जातीय गोलबंदी से लेकर दलिए गोलबंदी तक प्रयास किया गया, लेकिन अंततः धन बल का ही सहारा सभी मंसूबे पालने वाले उम्मीदवारों के समक्ष देखने को मिल रही है । शुरुआती दौर में कुछ मान मनोव्ल और कुछ लेन देन के हिसाब पर गुट बंदी प्रारंभ हुई और घूम घूम कर भोज भात का प्रक्रिया चलने लगा।

इसमें एक उम्मीदवार सबसे आगे दिखाई पड़े जो खानपान और अतिथि सत्कार में आगे दिखाई पड़े और बहुमत से अधिक आंकड़ें जुटाकर विदेश की सैर पर निकल पड़े, लेकिन इस बीच पूर्व प्रमुख एवं उप प्रमुख भी एकजुट होकर गोलबंदी करने में जुट गए हैं।

वैसे तो आधे पंचायत समिति सदस्य महिला है जिनके पति मोलभाव और सैर सपाटे से लेकर खानपान में जुटे हुए हैं। दूसरी ओर बाजार भाव टटोलकर चुप्पी मार कर बैठे अन्य संभावित उम्मीदवार सारी ताकत झोंक कर भगदड़ मचाने के फिराक में जुट गए हैं। इसमें लक्ष्मीकांत की भूमिका अहम मानी जा रही है।

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