Darbhanga News | जिला परिवहन कार्यालय में फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के मामले में जिलाधिकारी राजीव रौशन ने कड़ी कार्रवाई का आदेश दिया है। शनिवार को डीएम ने जिला परिवहन पदाधिकारी (डीटीओ) को दोषी अधिकारियों और कर्मियों पर कानूनी और विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
RJD नेता तेजस्वी यादव ने #PahalgamTerroristAttack पर कहा —
View this post on Instagram
दोषियों की सूची
जांच रिपोर्ट के आधार पर जिन पर कार्रवाई तय मानी जा रही है, उनमें शामिल हैं:
- तत्कालीन डीटीओ: शशि शेखरन
- डाटा इंट्री ऑपरेटर: रूपेश कुमार
- प्रोग्रामर: विक्रमजीत प्रताप
- प्रभारी सहायक: कुमार गौरव
फर्जीवाड़े की जांच
यह कार्रवाई 13 अगस्त 2024 को गठित जांच समिति की रिपोर्ट पर आधारित है। समिति में एडीटीओ स्नेहा अग्रवाल, मोटरयान निरीक्षक सिद्दार्थ शंकर त्रिपाठी, सतीश कुमार, और प्रोग्रामर सोनी कुमारी शामिल थे।
चौंकाने वाले खुलासे
- तत्कालीन डीटीओ शशि शेखरन ने मधुबनी से बैठकर दरभंगा में ड्राइविंग लाइसेंस जारी किए।
- एक ही लाइसेंस नंबर का उपयोग कर बिहार, अरुणाचल प्रदेश, और झारखंड में फर्जी लाइसेंस बनाए गए।
- धर्म और पहचान में हेरफेर: हिंदू को मुस्लिम और मुस्लिम को हिंदू दिखाकर जानकारी बदल दी गई।
राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा
फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस का उपयोग आतंकवादी गतिविधियों, मानव तस्करी, और अन्य गैरकानूनी कार्यों में हो सकता है। यह मामला न केवल प्रशासनिक भ्रष्टाचार बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन चुका है।
पंचायत कर्मियों पर भी कार्रवाई
सिंघिया के सालेपुर पंचायत में पंचायत भवन में ताला बंद रहने और कर्मियों के अनुपस्थित रहने की शिकायत के बाद बीडीओ विवेक रंजन ने पंचायत सचिव समेत अन्य कर्मियों से स्पष्टीकरण मांगा है।
सख्त चेतावनी
बीडीओ ने कहा कि जो भी कर्मी बिना सूचना अनुपस्थित पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस कार्रवाई से विभाग में हड़कंप मच गया है।
निष्कर्ष
दरभंगा में फर्जीवाड़े का यह मामला प्रशासनिक लापरवाही और भ्रष्टाचार का एक चौंकाने वाला उदाहरण है। दोषियों पर सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएँ न दोहराई जाएँ। वहीं, पंचायत स्तर पर अनुपस्थित कर्मियों के खिलाफ सख्ती पंचायती व्यवस्था में सुधार की दिशा में एक जरूरी कदम है।