दरभंगा, देशज टाइम्स। आपदा जोखिम कम करने में जुटा Darbhanga। बड़ा फोकस! आपदा जोखिम कम करने में जुटा Darbhanga, बचेंगी जान, ख़ाका तैयार। जानिए क्या है प्लानिंग…मब्बी के बाद कहां…क्या आएगी दरभंगा पॉलिटेक्निक की बारी? पढ़िए देशज टाइम्स की पूरी रिपोर्ट…
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दरभंगा के जीपीएसवीएस मब्बी स्थित जिला समन्वय कार्यालय में आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर आधारित जिला स्तरीय इंटर एजेंसी समन्वय बैठक का आयोजन हुआ। बैठक की अध्यक्षता अपर समाहर्ता (आपदा प्रबंधन) ने की।
जागरूकता और जनभागीदारी से आपदा जोखिम में कमी
अपर समाहर्ता ने कहा कि जागरूकता और जीवन रक्षा कौशल विकास से आपदाओं के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
उन्होंने जनभागीदारी को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि इसके लिए सरकारी एजेंसियों और संस्थाओं को समन्वय बनाकर काम करना जरूरी है।
अग्नि सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन पर विस्तृत चर्चा
बैठक में अग्नि सुरक्षा, लू और वज्रपात, तथा जलवायु परिवर्तन जनित आपदा जोखिम न्यूनीकरण (Climate Change Induced DRR for Community and Migration) विषयों पर गहन चर्चा की गई।
अग्नि सुरक्षा पर मॉक ड्रिल का आयोजन दरभंगा के एक होटल परिसर में किया गया, जिसमें:
गैस सिलेंडर में आग लगने पर उसे बुझाने के प्रायोगिक तरीके बताए गए।
खाना बनाते समय एक बाल्टी पानी और मोटा गीला सूती कपड़ा तैयार रखने की सलाह दी गई।
गर्मियों में बाहर निकलते समय हाइड्रेटेड रहने का सुझाव दिया गया।
संयुक्त कार्ययोजना और प्रशासनिक सहयोग
अग्निशमन विभाग, बीआईएजी और रेडक्रॉस के साथ मिलकर संयुक्त कार्ययोजना तैयार की गई।
कमांडेंट ने आग लगने की स्थिति में तुरंत 101 या 112 नंबर पर कॉल करने की सलाह दी।
सहायक पदाधिकारी ने हरसंभव प्रशासकीय सहयोग देने की बात कही।
प्रमुख सहभागिता
बैठक में विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिनमें शामिल थे:
वन स्टॉप सेंटर से रंजू और कनुप्रिया
प्रयास से वीरेंद्र जी
महिला विचार मंच से अर्पणा
महिला जागृति संस्था से रागिनी
विकल्प दरभंगा से अजीत जी
युवा विकास ट्रस्ट काकोड़ा से कमरे आलम
आगामी योजनाएं
बैठक का संचालन जीपीएसवीएस के डायरेक्टर रमेश कुमार और जिला समन्वयक श्याम कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से किया।
जिला समन्वयक ने बताया कि अगली बैठक दरभंगा पॉलिटेक्निक में आयोजित की जाएगी।
इस अवसर पर बिहार इंटर एजेंसी ग्रुप द्वारा वर्ष 2025 में किए जाने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा भी प्रस्तुत की गई।
निष्कर्ष:
इस बैठक ने यह संदेश दिया कि आपदा प्रबंधन केवल सरकारी जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि सामूहिक प्रयास और जागरूकता से ही आपदा जोखिम को प्रभावी ढंग से न्यूनतम किया जा सकता है।