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16 मार्च, 2024
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Darbhanga Waalon…Bihar का पहला Express Way आमस – दरभंगा, 7 जिलों, 16 शहरों को जोड़ेगा, नितिन गड़करी ने कहा- उत्तर — दक्षिण बिहार अब एक साथ!

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Darbhanga | बिहार के पटना जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग 119डी पर रामनगर से कच्ची दरगाह तक 6 लेन का एक्सेस कंट्रोल्ड ग्रीनफील्ड कॉरिडोर बनाया जाएगा। इस परियोजना के लिए 1082.85 करोड़ रुपये की मंजूरी मिल गई है। सड़क की कुल लंबाई 12.60 किलोमीटर होगी। इस महत्वाकांक्षी परियोजना की जानकारी केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोशल मीडिया पर साझा की।


बिहार से झारखंड और बंगाल के लिए बेहतर कनेक्टिविटी

यह ग्रीनफील्ड कॉरिडोर आमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे का हिस्सा होगा। नितिन गडकरी ने बताया कि यह परियोजना राष्ट्रीय राजमार्ग-02 (नया एनएच-19) और राष्ट्रीय राजमार्ग-57 (नया एनएच-27) के बीच सीधा संपर्क प्रदान करेगी। इस एक्सप्रेसवे से बिहार के अंदरूनी हिस्सों की पश्चिम बंगाल, झारखंड और पूर्वोत्तर राज्यों से कनेक्टिविटी बेहतर होगी।

“इससे लंबे मार्ग की यातायात व्यवस्था और माल ढुलाई की दक्षता में सुधार होगा, जो देश के पूर्वी हिस्से के विकास में सहायक होगा,” गडकरी ने कहा।


7 जिलों को जोड़ेगा आमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे

यह बिहार का पहला एक्सप्रेसवे होगा, जो गया, औरंगाबाद, पटना और दरभंगा सहित 7 जिलों और 19 शहरों को जोड़ेगा। 189 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे पटना से दरभंगा तक की यात्रा का समय चार घंटे तक कम कर देगा।

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इससे उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच न केवल संपर्क सुधरेगा, बल्कि व्यापार, रोजगार और आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।


क्या है एक्सेस-कंट्रोल्ड एक्सप्रेसवे?

यह एक्सप्रेसवे भारतमाला परियोजना के तहत बनाया जा रहा है। इसका डिजाइन एक्सेस-कंट्रोल्ड होगा, जिसका मतलब है कि सड़क पर केवल निर्धारित स्थानों से ही प्रवेश और निकास की अनुमति होगी। इससे यातायात सुगम रहेगा और दुर्घटनाओं की संभावना कम होगी।

“इस परियोजना के पूरा होने के बाद राज्य में ट्रांसपोर्ट सुविधा पहले से और बेहतर हो जाएगी,” गडकरी ने कहा।


बिहार में आर्थिक विकास को मिलेगी रफ्तार

यह एक्सप्रेसवे उत्तर बिहार को दक्षिण बिहार से जोड़ने के साथ-साथ व्यापार और परिवहन में एक नई क्रांति लाएगा। इससे न केवल यात्रा का समय घटेगा, बल्कि माल ढुलाई की लागत में भी कमी आएगी।

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निष्कर्ष

आमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे परियोजना बिहार के इंफ्रास्ट्रक्चर और परिवहन के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगी। यह राज्य को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों से जोड़ने के साथ-साथ क्षेत्रीय विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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