बिरौल देशज टाइम्स डिजिटल डेस्क। स्वयं सहायता समूह सह जिविका संघर्ष समिति के सदस्यों ने राज्य सदस्य माला कुमारी के नेतृत्व मे शुक्रवार को बिरौल प्रखंड के शिवनगर गांव में और बिजुलिया मे पूनम कुमारी के नेतृत्व मे अपने घरों मे अलग अलग कार्यक्रम किया गया। माला कुमारी ने कहा कि लॉकडाउन में बिहार सरकार द्वारा समूह से जुड़ी महिलाओं को काम देने की घोषणाएं सिर्फ कागजों पर रह गयी है।
इस बार लाकडाउन अवधि में भी समूह से जुड़ी महिलाओं से कर्ज और सूद वसूली का काम माइक्रोफाइनेंस कंपनी जबरन कर रही है। साथ ही कर्ज न चुकाने पर कंपनी के लोग उनके साथ बदसलूकी पर उतारू हो जाते हैं।
राज्य सदस्य माला कुमारी ने कहा कि हम लोगों की मांगो को पूरा करने के लिए 28 मई को कार्यक्रम रखा गया है। जिसमें समूह से जुड़ी सभी महिलाओं को अनिवार्य रूप से काम दिया जाए और उनके उत्पादों की अनिवार्य खरीद सरकार करे और महिलाओं को काम के अनुसार ट्रेनिंग दिया जाय।
माइक्रोफाइनेंस कंपनियों और जीविका समूह द्वारा कर्ज और सूद वसूली पर तत्काल रोक लगाने।कर्ज वसूली के लिए महिलाओं के साथ अपमानजनक व्यवहार या प्रताड़ना करने वाले कर्मचारियों को दंडित करने, इन समूहों से जुड़ी महिलाओं के कर्ज को माफ करने, सामुदायिक उत्प्रेरक समेत सभी जीविका कर्मियों को पहचान पत्र देने, जीविका कार्यकर्ताओं को न्यूनतम 18 हजार मासिक मानदेय देने सहित कई मांग राज्य सरकार से की है।