

बिरौल देशज टाइम्स डिजिटल डेस्क से उत्तम सेन गुप्ता की रिपोर्ट। बिरौल के रोहाड़ महमुदा पंचायत के महमुदा गांव में प्लस टू उच्च विद्यालय भवन का निर्माण कार्य अंचल प्रशासन की लापरवाही से लंबित है।
इस भवन का निर्माण जिस भूमि पर होना है उस भूमि का कुछ हिस्सा निजी व्यक्ति के नाम से है। वहीं, उक्त भूमि से सटे मध्य विद्यालय संचालन किया जा रहा है। जहां प्लस टू विद्यालय भवन निर्माण के लिए पर्याप्त भूमि है।

लेकिन स्थानीय राजनीति एवं अंचल कर्मचारी की मिली-भगत से एक व्यक्ति के पूर्वजों की भूमि को बिहार सरकार दर्शा कर अंचल कर्मचारी की ओर से भेजे गए प्रस्ताव के आधार पर तत्कालीन सीओ ने उक्त भूमि का एनओसी देकर विद्यालय भवन निर्माण कार्य को बाधित कर दिया।
ग्रामीण महेश यादव ने देशज टाइम्स को बताया
वर्तमान हाल सर्वे के आधार पर एवं नक्शा नजरिया का अवलोकन किए बगैर तत्कालीन सीओ बिरौल ने विद्यालय के नाम से अनापत्ति प्रमाण पत्र निर्गत कर दिया गया। वहीं उक्त भूमि रैयती है। पुराना सर्वे भी रैयत के नाम से है।
महेश यादव ने बताया कि उक्त भूमि पर रैयत के पक्ष में लगान निर्धारण के अलावा अपर समाहर्ता, समाहर्ता का फैसला भी भूस्वामी के पक्ष में है। इन सभी साक्ष्य को लेकर रैयत की ओर से व्यवहार न्यायालय बिरौल में हकीयत बाद संख्या 136/15 दायर किया गया है जो न्यायालय में सुनवाई पर है।
ग्रामीणों का कहना है
कि मध्य विद्यालय परिसर में पर्याप्त भूमि रहने के बाद भी अंचल कार्यालय की ओर से रैयती भूमि का एनओसी दे देना विद्यालय भवन निर्माण पर ग्रहण लगाने के बराबर है। सीओ विमल कुमार कर्ण ने बताया कि यह इनके पदस्थापना से पूर्व का मामला है।









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