बिरौल देशज टाइम्स डिजिटल डेस्क। बिहार सरकार के शिक्षा विभाग की ओर से जारी आदेश के विरोध में जिले के शिक्षक खुलकर सामने आ गए है।
सरकार के आदेश की प्रति जलाकर अपना विरोध प्रकट दर्ज किए है। शिक्षकों के विभिन्न संगठनों सहित तमाम शिक्षकों ने एक स्वर में स्वयं को गैर शैक्षणिक कार्यो से मुक्त करने का विभाग से गुहार लगाते हुए कहा है कि उनका मुख्य कार्य बच्चो को शिक्षा देना है।
इसके लिए बेशक अगर उन्हें जान की बाजी भी लगाना होगा तो लगाएंगे। राज्यसंघ के आह्वान पर टीईटी,एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ गोपगुट की ओर से प्रखंड मुख्यालय बिरौल के प्रांगण में आदेश की प्रति जलाकर विरोध दर्ज किया गया। बिरौल में प्रखंड अध्यक्ष मुकेश पोद्दार के नेतृत्व में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए प्रतियां जलाई गई।
संघ प्रखंड अध्यक्ष मुकेश पोद्दार, कोषाध्यक्ष शाहनवाज अंसारी, उपाध्यक्ष मोइन अंसारी ने संयुक्त रूप से कहा कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद तथा माननीय सर्वोच्च न्यायालय के न्यायादेश के आलोक में विभाग शिक्षकों को जनगणना,आपदा एवं निर्वाचन को छोड़कर अन्य गैर शैक्षणिक कार्यो में नही लगा सकती है,
लेकिन इन सबको नजरअंदाज करते हुए विभाग शिक्षकों से शैक्षणिक कार्यो के अतिरिक्त अन्य विभिन्न प्रकार के कार्य करवा रही है जो सर्वथा अनुचित है। हमारी नियुक्ति बच्चो को शिक्षा देने के लिए की गई है।
इसके अतिरिक्त अन्य किसी भी प्रकार का कार्य हम नहीं करेंगे। सरकार अन्य कार्यो के लिए कोई व्यवस्था करें। किसी भी स्तर से शिक्षा विभाग का यह आदेश मान्य नही होगा।
वही संघ के जिला उपाध्यक्ष राशिद अनवर,जिला कार्यकारिणी सदस्य सोनू मिश्रा, रंजन मंडल, गुंजेश्वर,विकास नायक, अमरेंद्र यादव आदि ने कहा कि बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए अगर जान की भी बाजी लगानी होगी तो हम लगा देंगे, लेकिन ऐसे उलूल जुलूल आदेशो को मानकर हम अपनी जान जोखिम में नही डालेंगे। सभी शिक्षक नेताओ ने एक स्वर में यह आदेश वापस लेने की मांग किये।