उत्तम सेन गुप्ता, बिरौल देशज टाइम्स डिजिटल डेस्क। प्रखंड क्षेत्र में सरकारी योजनाओं में गुणवत्ता को ताख पर रख कर कार्य किया जा रहा है। चलाए जा रहे योजना किस तरीका से किया जाएगा
इसका गुणा भाग तकनीकी पदाधिकारी के बजाय पेटी कॉन्ट्रैक्ट पर कार्य करने वाले लोग तय करते हैं। जिसे अभियंता सिर्फ टेबल पर ही पास करते हैं। जो स्थल निरीक्षण से स्वतः उदभेदन हो जाएगा। योजना कैसे किया जा रहा है। इसे देखने की फुर्सत संबंधित विभाग के जेई, पीआरएस व पंचायत सचिव तक को नहीं है। जिसे जो मर्जी हो वह अपनी दबंगई पेश कर आननफानन मे योजना कर चलते बनते हैं।
सात निश्चय व मनरेगा के तहत नली गली का निर्माण किया गया। अधिकांश पंचायतों में उसकी गुणवत्ता का ख्याल रखे बगैर सरकारी राशि का बंदरबांट कर लिया गया है। भले ही इसका लाभ स्थानीय लोगों को मिले अथवा न मिले। निर्माण किया गया अधिकांश नाला अपने अस्तित्व में नहीं है। जिस कारण पानी का निकासी होने के बजाए नाला और घर आंगन में ही सिमट कर रह जाता है।
खबर के साथ छपी फोटो पूर्व के अफजला पंचायत व वर्तमान में नगर पंचायत बिरौल खुद प्रमाणित कर रहा है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि संबंधित विभाग के अभियंता और संवेदक निर्माण कार्य पर झांकने तक नहीं आते। वे टेबल पर ही बैठ कर योजना को बनाते और एमबी बना राशि को भुनाने का काम कर रहे हैं। यही कारण है कि पेटी कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले लोग मनमाने ढंग से कार्य कर चलते बनते हैं। जिसका परिणाम लोगों को भुगतना पड़ रहा है।
खबर के साथ छपी फोटो पूर्व के अफजला पंचायत व वर्तमान में नगर पंचायत बिरौल खुद प्रमाणित कर रहा है।



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