सतीश झा। Darbhanga News: दरभंगा में ये थाना कहां है भाई? खोज रहे लोग..इधर-उधर भटक रहे?
जहां, बेनीपुर उत्पाद विभाग के ( Brother, where is this police station in Darbhanga?) कथित उत्पाती रवैया से सरकार का शराब बंदी तो विफल साबित हो ही रहा है। आम लोग भी इनके दोहन शोषण और मनमानी से परेशान नजर आ रहे हैं।
सरकार की ओर से मद्य निषेध को सख्ती से लागू करने के उद्देश्य से बेनीपुर अनुमंडल मुख्यालय अवस्थित किसान कार्यालय के ऊपरी तल पर मद्य निषेध थाना खोला गया।
लेकिन थाना खुलने के साल भर बाद भी आज तक लोग थाना के खोज में इधर-उधर भटक रहे हैं। लेकिन कहीं उसका कोई अता-पता नहीं चल पाता है। दूसरी ओर, भले ही शराब की अंग्रेजी बोतल एवं टेट्रा पैक का होम डिलीवरी होता हो लेकिन देसी चुलाई का
शराब हर गांव में हर मोहल्ले में खासकर दलित एवं पिछले वर्ग में बनाया और बेचा जा रहा है। जहां कोई बड़ा हादसा हो जाए तो कोई असंभव नहीं कहा जा सकता है।
इस संबंध में जानकार सूत्र बताते हैं कि मद्य निषेध थाना को हर माह इन दलित और अति पिछड़े जो चुलाई के शराब का कारोबार करते हैं। उनकी ओर से बंधी बंधाई राशि पहुंचाई जाती है। इसमें उस गांव के ही बिचौलिए शामिल रहते हैं।
इधर बेनीपुर प्रखंड क्षेत्र के कोई भी ऐसा पंचायत या गांव नहीं है जहां देसी शराब का कारोबार या होम डिलीवरी ना होता हो, लेकिन उत्पाद विभाग का उद्देश्य निजी स्वार्थ पूर्ति के अलावे मध निषेध एवं शराबबंदी से कोई लेना देना नहीं रह गया है। यदि वास्तव में उक्त विभाग की ओर से अपने दायित्व का निर्वहन किया जाता तो प्रखंड क्षेत्र के सज्जनपुरा, महीनाम, पोहद्दी, बेनीपुर, फतलाहा, कल्याणपुर, माधोपुर ,रामोली, सझुवार, नवादा सहित अन्य गांव में धड़ल्ले से इसका निर्माण और विक्रय की जा रही है और तो और मद्य निषेध थाना के अगल-बगल देसी चुलाई शराब का धंधा फल फूल रहा है।
मद्य निषेध थाना की थाना अध्यक्ष डेजी कुमारी ने बताया
इस संबंध में मद्य निषेध थाना की थाना अध्यक्ष डेजी कुमारी ने पूछने पर बताया कि मैं हाल फिलहाल पदस्थापित हुई हूं। त्रिमुहानी गांव में कुछ घटना घटी है। इसके संबंध में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। इसके संबंध में बहेड़ा थाना अध्यक्ष अधिक बता सकते हैं।