प्रभास रंजन, देशज टाइम्स दरभंगा। दरभंगा में इंसाफ के नाम पर बर्बरता! एक युवक को पेड़ से बांधकर पीटा गया, सिर्फ शक के आधार पर। इसका वीडियो वायरल हो रहा है। हालांकि देशज टाइम्स इस वायरल वीडियो की कतई पुष्टि नहीं करता लेकिन पुलिस ने तत्काल एक्शन लेते हुए जानकारी मिलते ही वहां पहुंची और पुलिस ने उस युवक को बचाया –पढ़िए पूरी खबर
दरभंगा में भीड़ का इंसाफ: चोरी के शक में युवक को पेड़ से बांधकर बेरहमी से पीटा, वीडियो वायरल
दरभंगा, देशज टाइम्स। जिले में मानवता को शर्मसार करने वाली एक घटना सामने आई है। जिले के अल्लपट्टी इलाके में स्थित एक निजी अस्पताल परिसर में चोरी के शक में एक युवक को पेड़ से बांधकर बेरहमी से पीटा गया। मंगलवार सुबह की यह घटना अब वीडियो वायरल होने के बाद पूरे इलाके में चर्चा और आक्रोश का विषय बन चुकी है।
क्या है मामला? युवक बोला – पानी पीने और वॉशरूम के लिए गया था अस्पताल
घटना सुबह 5 बजे की है जब एक युवक अस्पताल परिसर में घुसा। अस्पताल के कंपाउंडर ने दावा किया कि युवक संदिग्ध हालत में ऑपरेशन थिएटर तक पहुंच गया। युवक ने सफाई दी कि वह केवल पानी पीने और वॉशरूम का इस्तेमाल करने आया था। कंपाउंडर ने ₹4200 की चोरी का आरोप लगाया, हालांकि युवक के पास से कोई पैसा बरामद नहीं हुआ।
पेड़ से बांधा गया, फिर की गई बेरहमी से पिटाई
संदेह के आधार पर युवक को अस्पताल कर्मियों ने पेड़ से बांध दिया। फिर डंडों, लात-घूंसों से जमकर पिटाई की गई। एक राहगीर ने इस घटना का वीडियो बना लिया और सोशल मीडिया पर डाल दिया। वीडियो में युवक की पिटाई करते अस्पताल कर्मचारी साफ दिख रहे हैं। हालांकि, देशज टाइम्स वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता।
पीड़ित युवक का पक्ष: “मैं चोर नहीं, तांगा चलाता हूं”
युवक ने बताया कि वह पहले पानी बेचने का काम करता था, अब तांगा चलाकर जीवन यापन करता है। उसने कहा कि सिर्फ पानी पीने और वॉशरूम के लिए गया था। युवक ने बताया कि “मेरे साथ 2-3 और लड़के थे जो मुझे छोड़कर भाग गए।
पुलिस जांच में जुटी, अस्पताल कर्मियों की हो रही पहचान
स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और युवक को छुड़ाकर संरक्षण में लिया है। युवक की मेडिकल जांच कराई जा रही है। पुलिस ने कहा, “वायरल वीडियो के आधार पर पहचान की जा रही है और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी”। वहीं, बेंता थानाध्यक्ष हरेंद्र कुमार ने बताया कि पूरे मामले की तहकीकात की जा रही है।
मानवाधिकार संगठनों की तीखी प्रतिक्रिया
सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा कि कोई भी कानून हाथ में नहीं ले सकता। “अगर युवक दोषी है, तो न्यायालय सजा देगा, लेकिन सरेआम मारपीट संविधान और कानून का उल्लंघन है”। प्रशासन से सख्त कार्रवाई और निष्पक्ष जांच की मांग की गई।
क्या भीड़ को मिला है कानून का अधिकार?
इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या किसी पर शक भर से उसे चोर बताकर सरेआम सज़ा दी जा सकती है? क्या बिहार में भीड़तंत्र कानून व्यवस्था से ऊपर हो चुका है? क्या पीड़ित को अब इंसाफ मिलेगा या मामला भी अन्य मामलों की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा?