जाले। पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर थानाक्षेत्र के मस्सा गांव में छापेमारी कर शराब कारोबारी चुनचुन पासवान को भारी संख्या में नेपाली देशी शराब के साथ गिरफ्तार किया है। पुलिस गाड़ी देखते ही वह भागा जिसे तेज तर्रार पुलिस जवानों ने खदेड़कर पकड़ा।
शराब कारोबारी चुनचुन के निशानदेही पर भारी मात्रा में नेपाली देशी शौफी शरण बरामद किया गया है। थानाध्यक्ष यशोदानंद पांडेय ने बताया कि सअनि सुरेंद्र माझी के नेतृत्व में की
गई छापामारी में 300 सौ एमएल के चालीस बोतल देशी नेपाली सौफी शराब 12 लीटर बरामद किया गया है। कारोबारी चुनचुन पासवान को गिरफ्तार कर मंगलवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
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पोषण सुदृढ बनाने में कृषि वैज्ञानिकों की पहल
जाले में राष्ट्रीय पोषण सप्ताह के अंतर्गत कृषि विज्ञान केंद्र, जाले द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कराया जाता रहा है, जिससे कि आम जनों की पोषण सुदृढ़ बनाया जा सके।
कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. दिव्यांशु शेखर ने बताया कि हर वर्ष 1 से 7 सितंबर तक राष्ट्रीय पोषण सप्ताह मनाया जाता है, जिसका मुख्य उद्देश्य कुपोषण को लेकर लोगों को जागरूक करना है। दरअसल, कुपोषण किसी भी देश या समाज के
लिए मौजूदा समय में सबसे बड़ी समस्या है।
भारत खासकर बिहार के संदर्भ में देखें तो तमाम कोशिशों के बावजूद कुपोषण के आंकड़ें सोचने के लिए मजबूर कर रहे हैं।
केंद्र सरकार भारत को कुपोषण मुक्त बनाने को लेकर तमाम कोशिशें कर रही हैं। कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानि कुपोषण मुक्ति को लेकर समय-समय पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर लोगों को पोषण के लिए जागरुक करते रहे हैं।
विज्ञान केंद्र की गृह वैज्ञानिक डॉ. पूजा कुमारी ने बताया कि सितंबर माह को पोषण माह के रूप में मनाया जाता है। तथा इसका प्रथम सप्ताह राष्ट्रीय पोषण सप्ताह के रूप में है।
उनके अनुसार शरीर के लिए आवश्यक सन्तुलित आहार लम्बे समय तक नहीं मिलना ही कुपोषण है। कुपोषण के कारण बच्चों और महिलाओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती
है, जिससे वे आसानी से कई तरह की बीमारियों के शिकार बन जाते हैं।
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के अनुसार बिहार में 63.1 फीसदी गर्भवती महिलाएं एवं 69.4 फीसदी बच्चे कुपोषण से जूझ रही हैं। वहीं इसी आयु वर्ग की 63.6 फीसदी सामान्य महिलाएं कुपोषित हैं। बेहतर पोषण प्राप्त करना सभी का समान अधिकार है। इसको लेकर राज्य सरकार की ओर से विभिन्न योजनाएं भी चलाई जा रही हैं।
इसी कड़ी में कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से श्री राम जी उच्च महाविद्यालय,जोगियारा में एक दिवसीय जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में विद्यालय के बड़ी संख्या में छात्र -छात्राओं ने भाग लिया।
इस मौके पर गृह वैज्ञानि डॉ.पूजा कुमारी ने बच्चों से मौसमी फल एवं सब्जियां खाने के लिए प्रेरित किया तथा अपने खान-पान में मोटे अनाजों को भी सम्मिलित करने के लिए कहा। मोटा अनाज स्वास्थ्य की दृष्टि से काफी फायदेमंद होता है।
इसी कड़ी में कृषि विज्ञान केंद्र जाले की ओर से पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया है। इसमें महिलाओं की ओर से मोटे अनाज जैसे की ज्वार बाजरा रागी इत्यादि से अलग-अलग उत्पाद बनाना सिखाया जा रहा है।
महिलाओं ने रागी तथा बाजरे से लड्डू तथा बिस्किट बनाना सीखा। इनके अलावा केंद्र की ओर से विभिन्न आंगनवाड़ी केन्द्रों जैसे जोगियारा, चंदौना गांव में पोषण वाटिका का निर्माण कराया जा चुका है, ताकि बच्चों के खान-पान में हरी साग सब्जियों का समावेश हो सके तथा उनके शरीर में विटामिन और मिनरल्स की पूर्ति हो सके।